2023-11-06 13:18:58
(यूपी/मुजफ्फरनगर/गुलफ्शा कुरैशी)
मुजफ्फरनगर। अहोई अष्टमी का त्योहार उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के बुढाना कस्बे और क्षेत्र में बड़ी ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। यह त्यौहार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माताएं अपने पुत्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं जबकि निःसंतान महिलाएं भी पुत्र कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत को विशेष तौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन अहोई माता के साथ-साथ स्याही माता की भी पूजा का विधान है। इस दिन महिलाएं शाम को अहोई माता की पूजा करती हैं और तारे देखने पर व्रत खोलती हैं। अहोई माता के रूप में मां पार्वती की पूजा की जाती है।
कार्तिक मास में करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संतान की लंबी आयु वाले एवं उसके जीवन में आने वाले सभी विघ्न बाधाओं से मुक्ति के लिए देवी अहोई का व्रत रखा जाता है जिसे अहोई अष्टमी व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दौरान श्रीमती कुसुम देवी, श्रीमती मेनका देवी, श्रीमती तारावती, विश्व हिंदू महासंघ के नगर उपाध्यक्ष सचिन पाल, सुभाष चंद्र प्रजापति मंत्री शिक्षा समिति, भोलाराम प्रजापति और चौधरी भागमाल प्रजापति आदि ने अपने घरों की महिलाओं के साथ इस त्योहार में हिस्सा लिया।