हमें जातीय भेद को निर्मूल करके सबको समान मानना होगा प्रान्त संगठन मंत्री विहिप

विहिप सामाजिक समरसता कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद जिला रेवाड़ी के अंतर्गत
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2025-04-14 19:04:40

रेवाड़ी। विहिप सामाजिक समरसता कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद जिला रेवाड़ी के अंतर्गत  सामाजिक समरसता आयाम जिला रेवाड़ी के तत्वावधान में डॉ भीमराव अम्बेडकर की 134वी जयंती के उपलक्ष्य में सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ गणेशी लाल धर्मशाला, सेक्टर 3, रेवाडी में किया गया। जिसमें बाबा साहेब के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता माता रमाबाई सामाजिक उत्थान संस्था के प्रधान सेवानिवृत्त कार्यकारी अभियंता विद्युत विभाग बुधराम पंवार जी ने की। मुख्यवक्ता विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री राधेश्याम जी रहे। सर्वसमाज की गण्यमान्य विभूतियों ने इस कार्यक्रम में बढ़चढ़कर भाग लिया।अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में श्री बुधराम पंवार ने कहा सामाजिक समरसता शब्द का अर्थ है समाज के सभी वर्ग सभी जाति सभी धर्म के लोग एक साथ एक रस के समान हो जाएं और बिना किसी भेदभाव के आपस में मिलजुल कर रहें। सामाजिक समरसता लाने के उद्देश्य से ही भारत सरकार के द्वारा समरसता एक्सप्रेस नाम से रेल चलाया गया था किंतु मैंने आज तक किसी भी व्यक्ति को समरसता एक्सप्रेस कहते नहीं सुना हर कोई समरसत्ता एक्सप्रेस ही कहता है। अब बड़ी अजीब बात है कि लोगों को यह भी समझ में नहीं आता कि समरसत्ता निरर्थक और समरसता अलग अर्थ देने वाला पद है। मुख्यवक्ता श्रीमान राधेश्याम जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज समाज में जातियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि समरस और सुरक्षित समाज की अपेक्षा कभी पूरी न हो। जब तक आचरण और व्यवहार में जीवन के उच्चतम मूल्य प्रकट नहीं होंगे, तब तक समाज में समरसता दृष्टिगोचर नहीं हो सकती। जब समानता का भाव स्थापित होगा, तभी आपसी दूरी कम होगी। जातिगत भेदभाव के कारण ही समाज में समरसता का अभाव हुआ और दूरियां बढ़ती गई। समाज में हम छोटी से छोटी जरूरत के लिए परस्पर निर्भर हैं, फिर भी समाज इस भेदभाव को त्यागता नहीं है। अतः हमें जातीय भेद को निर्मूल करके सबको समान मानना होगा। कोई व्यक्ति ऊंचा नीचा नहीं होता। हम सभी समान हैं। समाज के सर्वांगीण उत्थान हेतु सभी वर्ग के लोगों का योगदान आवश्यक है। श्रीराम इस पूरक भाव को जानते हैं, इसीलिए केवट, भील, कोल, किरात, शबरी, वानर आदि से भेंट प्रसंग में उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और उसके कर्म के प्रति सम्मान का आदर्श प्रस्तुत किया है। माता रमा बाई सामाजिक उत्थान संस्था से आये श्री राजेन्द्र प्रसाद जी ने कहा कि अम्बेडकर जयंती सामाजिक समरसता का महत्व इस बात पर जोर देती है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने समाज में सभी के लिए समानता और न्याय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों ने लोगों को भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने और एक ऐसा समाज बनाने के लिए प्रेरित किया जहाँ सभी को समान अवसर और सम्मान मिले। अखिल भारतीय मानव कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष श्री श्योकरण मेहरा ने बताया कि अम्बेडकर जयंती पर सामाजिक समरसता, समानता और न्याय का महत्व है। डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में समानता, न्याय, और बंधुत्व को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे मानते थे कि हर व्यक्ति को समान अवसर मिलने चाहिए और किसी भी तरह के भेदभाव के बिना समाज में सम्मान से रहने का अधिकार होना चाहिए। डॉ. अम्बेडकर ने दलितों और अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने उनके लिए शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक सुधारों के लिए भी आवाज उठाई, जैसे कि जाति व्यवस्था के खिलाफ और छूआछूत के खिलाफ। वे मानते थे कि एक स्वस्थ और न्यायपूर्ण समाज के लिए सामाजिक सुधार आवश्यक हैं। महाराणा प्रताप जयंती समिति के अध्यक्ष श्री नरेश चौहान ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे। उन्होंने संविधान में समानता, न्याय, और बंधुत्व के सिद्धांतों को शामिल किया, जो एक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज के लिए आवश्यक हैं।अम्बेडकर जयंती युवाओं को डॉ. अम्बेडकर के विचारों से प्रेरित करती है। वे उन्हें समानता, न्याय, और सामाजिक सुधार के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती है। हमें भेदभाव के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और समाज में समानता और न्याय स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए। हमें समाज में सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए, जैसे कि जाति व्यवस्था के खिलाफ और छूआछूत के खिलाफ।हमें सभी लोगों को सम्मान देना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या लिंग के हों। हमें सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या लिंग के हों। हमें डॉ. अम्बेडकर के विचारों का पालन करना चाहिए और एक ऐसा समाज बनाने के लिए काम करना चाहिए जहाँ सभी को सम्मान और न्याय मिले। जिला अध्यक्ष श्री राधेश्याम मित्तल जी ने सभी गण्यमान्य का आभार जताते हुए निष्कर्ष में कहा कि अम्बेडकर जयंती सामाजिक समरसता का महत्व इस बात पर जोर देती है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने समाज में सभी के लिए समानता और न्याय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों ने लोगों को भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने और एक ऐसा समाज बनाने के लिए प्रेरित किया जहाँ सभी को समान अवसर और सम्मान मिले। विहिप जिला सामाजिक समरसता आयाम प्रमुख पवन भारद्वाज की योजना अनुसार कार्यक्रम हुआ। आशीष कुमार विहिप जिला धर्म प्रसार प्रमुख इस कार्यक्रम के संयोजक रहे। इस आयोजन में अजित सिंह जिला अध्यक्ष हरियाणा चमार महासभा, विजय सिंह, नरेश कुमार SC मोर्चा, श्योकरण मेहरा, सुरेंदर चंपड़िया खटीक समाज, संजय बडगुजर, रोहताश बाल्मीकि नगर पार्षद, राकेश कुमार RSKMH, जगमाल सिंह, ईश्वर सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, फूल सिंह महासचिव माता रमाबाई सामाजिक उत्थान संस्था रेवाडी, रूपचंद पुनिया, प्रताप सिंह, ओमप्रकाश नाहरवाल, पृथ्वी सिंह, कमल सिंह, भगत सिंह सामरिया, मोहन लाल व संजय गेरा पंजाबी समाज, राजकुमार जलवा एडवोकेट, गजराज सिंह चौहान, नरेश चौहान राजपूत समाज, श्याम सुंदर, यशपाल RWA सेक्टर 3, लगभग सभी जाति बिरादरी, राष्टीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्व हिन्दू परिषद के अनेकों कार्यकर्ताओ की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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