करनाल के सालवन गांव में भव्य तरीके से मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती

मुख्यमंत्री ने की अनेक बड़ी घोषणाएं, असंध बाईपास के सुदृढ़ीकरण के लिए दिए 9 करोड़ रुपये
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2025-05-29 19:45:01

हरियाणा में आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें सर्व समाज की भागीदारी रही। जिला करनाल के गांव सालवन में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने महाराणा प्रताप को नमन करते हुए कहा कि वे केवल योद्धा ही नहीं, बल्कि स्वाभिमान, शौर्य और बलिदान के जीवंत प्रतीक हैं। युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सालवन गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम मोहन सिंह के नाम पर करने की घोषणा की। असंध में महाराणा प्रताप धर्मशाला बनवाने के लिए 21 लाख रुपये देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत सालवन द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने पर खेल स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। असंध में एचएसवीपी का सेक्टर विकसित करने के संबंध में फिजिबिलिटी चैक करवाकर इसे विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने असंध ‌विधानसभा क्षेत्र की 54 सड़कों, जिनकी लंबाई 186 किलोमीटर है, उनकी स्पेशल रिपेयर के लिए 88 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अलावा, 16 अन्य सड़कों, जिनकी लंबाई 91.49किलोमीटर है, की भी स्पेशल रिपेयर करवाई जाएगी। साथ ही, 123 किलोमीटर लंबाई की 41 अन्य सड़कों को भी ठीक करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव सालवन से निकल रही ड्रेन को भी पक्का किया जाएगा। श्री नायब सिंह सैनी ने असंध बाइपास के सुदृढ़ीकरण के लिए 9 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। कोहंड से असंध रोड की स्पेशल रिपेयर के लिए 34 करोड़ 37 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि करनाल असंध रोड गांव जुंडला, जलमाणा में बाईपास के कार्य को भारत सरकार को भेज कर जल्द मंजूर करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने असंध विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की । इसके अलावा, असंध विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए अलग से 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। जो समाज एवं राष्ट्र अपने महापुरुषों को याद करता है, वह समृद्धि और प्रगति की ओर होता है अग्रसर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समाज एवं राष्ट्र अपने महापुरुषों, वीरों व शहीदों को याद करता है, उनका सम्मान करता है, वह सदा समृद्धि और प्रगति की ओर अग्रसर होता है। इसलिए, हमारी सरकार ने संतों-महापुरुषों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले, केवल अपने परिवारों के महापुरुषों को ही याद किया जाता था। समाज से उन्हें कोई सरोकार नहीं था। उन्होंने वीर सपूत महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महापुरुष पूरे राष्ट्र की धरोहर होते हैं, उनका व्यक्तित्व हमें देशभक्ति, आपसी भाईचारे और एकता की महान परंपराओं को और अधिक मजबूत बनाने तथा प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप सिर्फ इतिहास की उन विभूतियों में से एक हैं, जिन्होंने न कभी झुकना सीखा और न ही कभी हार मानना सीखा। वे हमारे योद्धाओं, शासकों और युवाओं की प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने जब शासन संभाला तो मुगल सम्राट अकबर ने उन्हें चार बार अधीनता स्वीकार करने को कहा, लेकिन उन्होंने अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होंने कहा कि हल्दीघाटी का युद्ध इतिहास के पन्नों में केवल एक लड़ाई नहीं, बल्कि संस्कृति बनाम सत्ता, स्वाभिमान बनाम साम्राज्यवाद और धर्म-अधर्म का संघर्ष था। इस युद्ध में 8 हजार राजपूत वीरों ने 40 हजार मुगलों को परास्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें संदेश देता है कि जब तक स्वाभिमान जीवित है, तब तक आत्मा जीवित है। वे एक ऐसे महान योद्धा थे, जिन्होंने जंगलों में कष्ट सहकर भी मातृभूमि के स्वाभिमान को झुकने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने इतिहास को स्वदेशी नजरिये से देखने की आवश्यकता है। विदेशी नजरिये में इतिहास के अंदर कुछ इतिहासकार अकबर को विजयी दिखाते रहे हैं, लेकिन हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप विजय हुए हैं। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के मंत्र के साथ भारत दुनिया की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज जब हम भारतीय संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं तो उसके मूल सिद्धांतों में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। यह महाराणा प्रताप जैसे स्वराज के पुरोधाओं, अपने गौरवशाली अतीत, संघर्षशील स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के मंत्र के साथ, भारत दुनिया की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को बताना है कि किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रहित सर्वोपरि होता है। महाराणा प्रताप जी की तरह, हमें भी अपने मूल्यों, संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करनी है। हमें अपने संविधान की रक्षा करनी है।

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