डॉ. सुनील बळीराम गायकवाड की दो पुस्तकों का भव्य विमोचन किया

(दलित समाज की महान हस्तियों को सम्मानित किया जिसमें राजू चंदेल विनोद जादौन प्रमुख रहे )
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2025-03-19 17:07:48

नई दिल्ली 19 मार्च / भारतीय जनता पार्टी लातूर लोकसभा के पूर्व सांसद, संसद रत्न, प्रोफेसर, डॉक्टर, एडवोकेट सुनील वत्सला बळीराम गायकवाड द्वारा लिखित “भारतीय संविधान की विशेषताएँ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दृष्टिकोण” एवं “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और समरसता” इन दो हिंदी पुस्तकों का भव्य प्रकाशन न्यू महाराष्ट्र सदन, दिल्ली में संपन्न हुआ। प्रकाशन समारोह का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, तथा समरसता मंच, महाराष्ट्र-गोवा के प्रमुख निलेश गद्रे के करकमलों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। रामदास आठवले: “ये पुस्तकें समरसता का दिशादर्शक हैं”प्रकाशन समारोह में दलित समाज की प्रमुख हस्तियों को सम्मानित किया जिसमें प्रमुख श्री राजू चंदेल मीडिया प्रभारी अनुसूचित जाति मोर्चा श्री विनोद जादौन तमिलनाडु के प्रदेश उपाध्यक्ष अनुभालअय्या शिवकुमार आंध्र प्रदेश के पूर्व सरपंच श्रीईश्वर गौड ममता सूर्यवंशी सोनम चड्ढा शकुंतला कश्यप सहित गण मान्य व्यक्ति उपस्थित थे इस मौके पर बोलते हुए रामदास आठवले ने कहा कि डॉ. सुनील गायकवाड ने अत्यंत अध्ययनपरक तरीके से ये पुस्तकें लिखी हैं। भारतीय संविधान की विशेषताओं को स्पष्ट करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संविधान के प्रति दृष्टिकोण और समाज में समरसता की आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा इन पुस्तकों में की गई है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान अटूट है और कोई इसे बदल नहीं सकता। उन्होंने इन दोनों पुस्तकों को समाज के लिए उपयोगी और समरसता का दिशादर्शक बताया और सभी को इन्हें पढ़ने का आग्रह किया। सुनील देवधर: “वर्तमान समय में इन पुस्तकों का विशेष महत्व” भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने डॉ. सुनील गायकवाड के शैक्षणिक एवं अध्ययनशील व्यक्तित्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. गायकवाड ने कई विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त की है और गहन अध्ययन के बाद ये दो महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे हैं। उन्होंने बताया कि ये पुस्तकें समाज में समरसता की भावना को मजबूत करने और प्रधानमंत्री मोदी जी के विचारों को समझने में सहायक होंगी। साथ ही, उन्होंने भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के ज्ञान और पुस्तकों के प्रति प्रेम के उदाहरण देकर लोगों से इन ग्रंथों को पढ़ने की अपील की। निलेश गद्रे: “समय की आवश्यकता को देखते हुए लिखी गई पुस्तकें” समरसता मंच, महाराष्ट्र-गोवा के प्रमुख निलेश गद्रे ने कहा कि आज के समय में जिन पुस्तकों की आवश्यकता थी, वे डॉ. सुनील गायकवाड ने लिखी हैं। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और समरसता” तथा “भारतीय संविधान की विशेषताएँ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दृष्टिकोण” ये दोनों पुस्तकें समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और सभी को इन्हें पढ़ना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. सांतवीर लिंग शिवाचार्य महाराज (हिरमठ संस्थान, औसा), दिल्ली की पूर्व नगरसेविका राजेश यादव, और देश के विभिन्न राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार से आई कुछ प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मानित कर पुरस्कार प्रदान किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे* कार्यक्रम नियोजन विनोद जाधव ने किया था

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