2023-10-08 13:35:47
दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा यूनियन) के तरफ से घोषित आशा वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल का 38 वां दिन है। आशाओ की समस्याओ पर सरकार के उदासीन रवैया से आशाएं आक्रोषित हैं। जनता और महिलाओं की बात करने वाली श्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने आशाओ की हड़ताल के 38 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुध नहीं ली है। ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार अब केवल वोट की राजनीति कर रही है, न ही जनता से न ही कर्मचारी की समस्यायों-तकलीफो से कोई मतलब है। जो चिंतनीय विषय है।
दिल्ली की हजारों हड़ताली आशाओ ने दिल्ली सरकार की उदासीनता के खिलाफ शहीदी पार्क, आईटीओ से दिल्ली सचिवालय तक कैंडल मार्च निकाला।
जब पिंक पिंक लहराएगा होश ठिकाने आएगा, सारी आशा यहां है केजरीवाल कहां है, हमारी मांग पूरी करो, गगनभेदी नारे लगाती हुई आशा शहीद पार्क से सचिवालय की ओर बढ़ी। परंतु प्यारेलाल भवन के पास ही पुलिस द्वारा रोके जाने पर वही पर जुलूस सभा में तब्दील हो गया।
विरोध सभा को दावा यूनियन की कार्यकारी अध्यक्षा शिक्षा राणा, अध्यक्षा सोनू जी, महासचिव उषा ठाकुर, सुजाता, सरोज के अलावा एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव मैनेजर चौरसिया, अन्य नेतागण सतीश पंवार जी, भंवरपाल जी, भरतवीर जी, विजय जी व प्रकाश देवी ने संबोधित किया।
आज आशाओ के आंदोलन के समर्थन में देश के क्रांतिकारी किशोरों के संगठन कोमसोमोल से तमन्ना ने अपनी बात रखी।
कल आशाओं के हड़ताल के 39 वें दिन धरनास्थल पर जयनगर (बंगाल) के पूर्व सांसद डॉक्टर तरुण मंडल आशाओं से मिलने वाले व सम्बोधित करने आएंगे।