2025-01-15 15:47:38
माथुर : पुलिस प्रवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन आईपीएस ने जिला पुलिस कप्तान के तौर पर पदभार संभालते ही जिला पुलिस को ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, जिन्होने दुभार्वना पूर्ण या आपसी रंजिश का बदला लेने के लिए किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ झूठी शिकायत दी है या किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज करवाया है। निर्देशों की पालना करते हुए जिला पुलिस के विभिन्न पुलिस थानों व चौकीयों की टीमों द्वारा वर्ष 2024 में 31 मामलों/शिकायतों में 31 व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए माननीय न्यायालय में परिवाद पेश किए गए हैं। यह कार्यवाही धारा 182 आईपीसी/217 BNS के प्रावधानों के तहत की गई है। इन व्यक्तियों द्वारा रंजिशन झूठी आपराधिक शिकायतें व मामले दर्ज करवाए गए। इनमें ज्यादातर दुष्कर्म करने, छेड़छाड़ करने, लड़ाई झगड़े व छीना झपटी करने जैसी शिकायतें व मामले शामिल हैं।पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन आईपीएस ने बताया कि इन मामलों/शिकायतों में जिला पुलिस द्वारा निष्पक्ष, त्वरित व प्रभावी जांच की गई और विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर जांच में ये शिकायतें व मामले झूठे पाये गये थे। अन्य मामलों की भी गहनता से जांच जारी है। इनमें से कोई मामला झूठा पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ भी धारा 182 आईपीसी एवं अब नए क़ानून भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।धारा 182 आईपीसी अब 217 BNS व दण्ड का प्रावधान जब कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को या किसी पुलिस अधिकारी को ऐसी झूठी सूचना देगा जो सही नहीं है और वह सरकारी अधिकारी उसे सही मानकर कार्यवाही कर दे और किसी अन्य व्यक्ति को क्षति या नुकसान हो जाए या होने की संभावना हो। तब ऐसी सूचना देने वाला व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा। इस धारा के तहत झूठी शिकायत देने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति को माननीय न्यायालय द्वारा 6 महिने तक का कारावास या एक हजार रूप्ये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। वहीं 217 BNS के तहत ऐसे व्यक्ति को माननीय न्यायालय द्वारा एक वर्ष तक का कारावास या 10 हजार रूप्ये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। अपील जिला पुलिस की आमजन से अपील है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दुर्भावना पूर्ण या रंजिशन बदला लेने की बदनियती से किसी भी प्रकार की झूठी शिकायत ना दें। झूठी शिकायत देने पर निर्दाेष व्यक्ति के झूठे मामले में फसने की संभावना रहती है और पुलिस का समय भी खराब होता है।