2024-12-19 14:42:40
अनूपपुर। सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था के जन सहयोग से समाज सेवा के क्षेत्र में उसे उत्तकष्ट कार्य कर रही अनूपपुर की युवा समाजसेवी पुष्पा पटेल ने अपनी टीम के साथ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नशा मुक्ति आंदोलन अभियान चलाकर सर्व समाज को नशा मुक्ति करने के लिए जागृत किया और कहा की नशा करने से मानव व्यक्ति के शरीर में अनेक बीमारियां उपादान होती है हमें अपने शरीर को स्वच्छ बनाकर लोगों को नशा मुक्ति के प्रति जागृत करें तो नीचे थी हमारे जीवन में एक नया बदलाव आएगा।
शहडोल जिले ग्राम अमडीह में ग्रामीण क्षेत्रों में पुष्पा पटेल द्वारा जन-जन की यही पुकार नशा छोड़ो अब अभियान को लेकर अपने बैनर तले रैली निकालकर लोगों को नशा मुक्ति के लिए जागृत करते हुए कहा कि नशा एक गंभीर समाजिक बुराई है। नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिये समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और ध्रूमपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थो का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचानें के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। पुष्पा पटेल ने कहा की नशा करने से शरीर में कई बीमारियां कैंसर एवं फेफड़ों में सस्पेंशन तथा एन रोगों को यह नशा जीवन को बर्बाद करता है, जैसे की बीड़ी,सिगरेट, गांजा, भांग, अफ़ीम या चरस पीने वालों को जब भरपूर नशा प्राप्त नहीं होता है, तब वे शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो की ओर अग्रसर होते हैं । नशा किसी प्रकार का भी हो व्यक्तित्व के विनाश, निर्धनता की वृद्धि और मृत्यु के द्धार खोलता है। इस के कारण परिवार तक टूट रहे हैं।
आज का युवा शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो का नशा ही नहीं बल्कि कुछ दवाओं का भी इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है। इस आसुरी प्रवृत्ति को समाप्त करना परमावश्यक है। उन्होंने रैली के माध्यम से कहा कि जैसा कि हम सभी जानते है ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी होती है और यह चेतावनी सभी तम्बाकू उत्पादों पर अनिवार्य रूप से लिखी होती है, लगभग सभी को यह पता भी है। परन्तु लोग फिर भी इसका सेवन बड़े ही चाव से करते हैं। यह मनुष्य की दुर्बलता ही है कि वह उसके सेवन का आरंभ धीरे-धीरे करता है पर कुछ ही दिनों में इसका आदी हो जाता है, एक बार आदी हो जाने के बाद हम इसका सेवन करें न करें, तलब ही सब कुछ कराती है
सबसे खराब स्थिति उन बच्चों की होती है जो बालिग नहीं होते, मा-बाप की रोज के झंझट या वादविवाद का उनके अन्र्तमन में बुरा प्रभाव पड़ता है, ऐसे बच्चे मानसिक रूप से अन्य बच्चों की अपेक्षा पिछड़ जाते हैं । घर का अच्छा माहौल न मिलने से उनमें दब्बूपन आ जाता है। हम रैली के माध्यम से नशा मुक्त करने के लिए आपको जागृत करने आए हैं और अपने नए जीवन में स्वच्छता के साथ अपने परिवार का पालन पोषण करते हुए विकास एवं आत्मनिर्भर बनकर कार्य करें जिससे आपके शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारियां न हो यह अनेक प्रकार के नशा हमारे जीवन को बेकार कर देते हैं।, और उनकी टीम द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इन नशा मुक्त करने की शपथ दिलाई गई। मंडल अध्यक्ष शिव त्यागी जी के नेतृत्व में