2025-03-13 15:31:46
किशनगंज। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट चेतन बैरवा का कहना है बसपा को दिया वोट बीजेपी के खाते में जाता है और मनुवाद को मजबूत करता है । क्योंकि जो महिला सतीश मिश्रा के हाथों से गणेश की मूर्ति स्वीकार करती है उस पर कौन विश्वाश करेगा कि यह महिला मनुवाद के खिलाफ है तथा एससी एसटी ओबीसी का भला करेगी । दलितों , आदिवासियों और पिछड़ों की नेता बनी फिरने वाली दोगली मायावती को सतीश मिश्रा के हाथों गणेश की मूर्ति लेते देखकर बहुजन समाज के लोगो को हसीं आती है । उन्हें इस चित्र को देखकर बरबस यह सोचने को मजबूर होना पड़ता है कि यह एक ठगनी औरत है जो बहुजन के नाम एससी एसटी ओबीसी के लोगो के वोटों की ठगी करती है। इसीलिए मैं अक्सर मायावती को दलितों की दुश्मन करार देता हूं । बहुजन समाज के लोग यह मानकर चलते हैं कि यह औरत दलितों के लिए आस्तीन का सांप है जिससे दलितों आदिवादियों और ओबीसी के लोगो को सावधान रहना होगा। उस गणेश से इसका क्या लेना देना जिसने आज तक एससी, एसटी और ओबीसी के लोगो का कोई भला नहीं किया । गणेश की वजह से ना बहुजन समाज के लोगो को पढ़ने का अधिकार मिला है , ना नौकरी मिली है , ना अच्छा रहन सहन और इज्जत मिली है , ना वोट देने का अधिकार मिला है । गणेश की वजह से एससी, एसटी और ओबीसी के लोग ना कलेक्टर - एसपी बने हैं , ना डॉक्टर - इंजिनियर बने हैं , ना वकील - जज बने हैं , ना मुख्य मंत्री - राष्ट्रपति बने हैं । फिर गणेश की मूर्ति लेने से इसका क्या मतलब । एससी , एसटी ओबीसी के लोगो का भला अगर किसी ने किया है तो वह बाबा साहब अम्बेडकर ने किया है संविधान में उन्हें हर प्रकार के अधिकार दिलाकर । और जब दलितों के मसीहा बाबा साहब अम्बेडकर ने ही ब्रह्मा विष्णु महेश को भगवान मानने से इनकार कर दिया तो ये होती कौन है हिंदू देवी देवताओं को मानने वाली । और अगर मायावती को हिंदू देवी देवताओं से इतना ही प्यार है तो यह बीजेपी ज्वाइन क्यों नहीं कर लेती । किसी ब्राह्मण से शादी कर उसका घर क्यों नहीं बसा लेती ताकि एससी एसटी ओबीसी के लोग इस भ्रम में ना पड़े कि मायावती अम्बेडकर वादी है और उनकी नेता है । मायावती खत्म करे इस ढोंग और छलावे को कि वह उस बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष है जो बहुजनो के कल्याण के लिए बनी है। हंड्रेड परसेंट मायावती एससी एसटी ओबीसी के लिए आस्तीन का सांप है जिससे एससी एसटी ओबीसी के लोगो को बचके रहना है । एससी एसटी ओबीसी के लोगो को बसपा को एक भी वोट देने की जरूरत नहीं है क्योंकि बसपा को दिया वोट बीजेपी के खाते में जाता है । बसपा को दिया वोट मनु स्मृति को और मनुवाद को मजबूत करता है । मायावती का एकमात्र काम समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी के वोट काटकर बीजेपी को जितवाने का है , इससे ज्यादा कुछ नहीं