2023-09-28 14:17:30
यूपी, मुजफ्फरनगर, बुढ़ाना, (नसीम कुरैशी)। ब्लाक के गांव अटाली में श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्म के पर्वराज पर्युषण पर्व के आठवें दिन उत्तम आकिंचन धर्म के अवसर पर नेमिनाथ भगवान की पूजा की गई। दस लक्षण धर्म के 10 अणुव्रतों में आठवां अणुव्रत उत्तम अकिंचन धर्म के रूप में मनाया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान का अभिषेक, पूजन एवं शांति धारा के बाद मंदिर में पंच परमेष्ठी विधान किया। मंडल पर अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु और पंच परमेष्ठी के अर्घ चढ़ाए गए। पंडित मनोज जैन ने उत्तम आकिंचन धर्म के बारे में व्याख्या करते हुए बताया कि आत्मा शरीर से भिन्न है, ज्ञानमई है, दुनिया के सारे संबंधों के बीच में अकेला हूं, यही भाव रखना आकिंचन धर्म है। संपूर्ण परिग्रह का त्याग करना आकिंचन धर्म है। अपनी आत्मा में रमन करना, ध्यान साधना में मन लगाना आकिंचन धर्म है। इस मौके पर राकेश जैन, प्रमोद जैन, संजय जैन, राजीव, शिवानी, अनीता, शुभि, आयूष, शुभम व शौर्य जैन आदि जैन समाज के लोग मौजूद रहे।