प्रथम दिन के सत्संग में दान की महिमा पर विस्तार से की चर्चा

सत्संग के माध्यम से जीवन जीने का सलीका प्राप्त होता है,स्वामी सत्यानंद महाराज
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2025-04-10 21:53:16

अखिल भारतीय सोहम महामंडल शाखा हिसार के तत्वावधान में गोयंका सेवा सदन (देवी भवन) में प्रारंभ हुए सात दिवसीय संत प्रवचन के प्रथम दिवस महामंडलेश्वर श्री स्वामी विवेकानंद महाराज के कृपापात्र सोहं पीठाधीश्वर श्री स्वामी सत्यानन्द महाराज ने कहा कि जीवनोत्कर्ष हेतु सत्संग परमावश्यक है। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से जीवन जीने का सलीका प्राप्त होता है। अनेकों समस्याओं का सामना करने की समझ आती है। सत्संग के माध्यम से ही जीवन का लक्ष्य, मूल्य, उद्देश्य समझ में आता है। सत्संग से जीवन की गलतियों में सुधार किया जा सकता है। इसी माध्यम से हमें अपनी संस्कृति व धर्म कर्म आदि के विषय में जानकारी हो पाती है।अच्छे व बुरे का बोध हो पाता है। वैराग्य, निष्काम कर्मयोग, भक्तियोग एवं ज्ञानयोग आदि के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। हमारे पावन इतिहास की जानकारी होती है। भगवान और भक्तों की चर्चाएं सुनकर हृदय पवित्र होता है। स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में समाज में फैली हुई बुराइयों को दूर करने की महती आवश्यकता है। सुधार की कुंजी सत्संग ही है। संतसेवा, अतिथि सेवा, मातापिता की सेवा, बुजुर्गों की सेवा,अनाथ असहाय सेवा, गौसेवा आदि विषयों को सत्संग के माध्यम से ही बताया जा सकता है। ऐसे ही विषयों पर आने वाले दिनों में सत्संग के माध्यम से चर्चा होती रहेगी। प्रवचनों में उपस्थित संतो ने भी सत्संग की महिमा सुनाई। इस अवसर पर राकेश गर्ग के अलावा किरोड़ी मल गोयल,मुरारी लाल जिंदल,अशोक अग्रवाल,प्रवीण बंसल,डॉ कर्ण सिंह,राम कुमार सैनी,मनोज गर्ग,सिकंदर शर्मा,वेद शर्मा,ने संतो की व भगवान की आरती उतारी।आरती के उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया गया।इस मौके पर नगर के काफी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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