2025-03-19 20:57:23
अनुपम सन्देश मुरादाबाद। महानगर मे सिविल लाईन पुलिस ने फर्जी विजिलेंस अधिकारी को धर दबोचा है। मुरादाबाद पुलिस ने एक फर्जी विजिलेंस अफसर को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया ठग खुद को SIB का एडिशनल कमिश्नर बताकर पब्लिक पर रौब गांठता था। वो नीली बत्ती लगी कार से चलता था। ठग के पास से पुलिस ने एडिशनल कमिश्नर लिखा एक फर्जी परिचय पत्र भी बरामद किया है। परिचय पत्र भी बरामद किया है। जिसमें ठग पुलिस की यूनिफार्म पहने नजर आ रहा है। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस ठग के पकड़े जाने का खुलासा किया। एसपी सिटी ने बताया कि, 10 मार्च को रामपुर रोड पर फ्रेंडस अपार्टमेंट निवासी सुहैल ने पुलिस से शिकायत की थी कि, नीली बत्ती लगी कार में सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था। अपहरण करके उसे बिजनौर ले गए थे। जहां उसके साथ मारपीट की गई और जमीन के एक विवाद में समझौता करने के लिए धमकाया गया। इस मामले में कटघर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी। एसपी सिटी ने बताया कि इसी छानबीन में पुलिस के हाथ कुलदीप कुमार शर्मा तक पहुंचे। कुलदीप बुलंदशहर जिले में गुलावटी का रहने वाला है। इन दिनों वह मेरठ में पल्लवपुरम में रहता है। पुलिस ने उसे दबोचा तो उसके पास से एक XUV कार मिली, जिस पर नीली बत्ती लगी थी। उसके पास से एडिशनल कमिश्नर SIB लिखा हुआ एक फर्जी परिचय पत्र भी मिला। कुलदीप ने पुलिस को बताया, मैंने किसी का अपहरण नहीं किया। बल्कि मुझे पता चला था कि सुहैल अहमद और आफाक अहमद आदि का बिजनौर में जमीन का विवाद चल रहा है। मुझे लगा कि इस विवाद को निपटा दिया जाए तो मुझे अच्छी रकम बच सकती है। इसीलिए मैंने खुद को विजिलेंस का उच्चाधिकारी बताकर इन लोगों से संपर्क किया था। कुलदीप ने पुलिस पूछताछ में बताया, 7 मार्च को मैं सुहैल अहमद को अपनी गाड़ी में बैठाकर दूसरे पक्ष के पास नगीना बिजनौर लेकर गया था। वहां मैंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल दिखाते हुए दोनों पक्षों में समझौता भी करा दिया था। दोनों पक्ष समझौता मानकर रजिस्ट्री कार्यालय भी चले गए थे। लेकिन फैसले की कुछ शर्तों को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद वहां पुलिस आ गई। मैंने इन लोगों को अपनी विजिलेंस की फर्जी आईडी दिखाई थी। पुलिस के आने पर मुझे पकड़े जाने का डर था, इसलिए मैं वहां से निकल गया