अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए रहेगी प्रशासन की कड़ी नजर डीसी

-डीसी अभिषेक मीणा ने कहा - बाल विवाह रोकने के लिए चलाएं जागरूकता अभियान
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2025-04-23 19:19:45

रेवाड़ी, अक्षय तृतीया/ आख्या तीज के अवसर पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह का आयोजन किया जाता है जिसकी आड़ में लोगों द्वारा काफी संख्या में होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है। डीसी अभिषेक मीणा ने बुधवार को लघु सचिवालय सभागार में अक्षय/ आख्या तीज के अवसर पर होने वाले बाल विवाह के मद्देनजर अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर सामाजिक प्रथा अनुसार इस शुभ मुहूर्त पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह का आयोजन किया जाता है जिसकी आड़ में लोगों द्वारा काफी संख्या में बाल विवाह को भी संपन्न किया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल विवाह को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता गतिविधियां आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाए। इसके साथ ही बाल विवाह निषेध अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में भी आमजन को जागरूक किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूल में पोस्टर, पेंटिंग प्रतियोगिताएं करवाएं ताकि बच्चे भी इसके लिए जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने के लिए विद्यार्थियों को शपथ दिलाई जाएं साथ ही रैली के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विवाह करवाने वाली धार्मिक संस्थाओं पर विशेष नजर रखी जाएं। डीसी ने कहा बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है बल्कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार कानूनन अपराध है। उन्होंने अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 अप्रैल को विवाह करवाने वाले पुजारी, पाठी, गांव के पंच, सरपंच, नंबरदार व शहरों में नगर पार्षदों एवं सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकट हाल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला इत्यादि के मालिक/प्रभारियों कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड बाजा व टेंट हाउस आदि के संचालकों को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह समारोह के संबंध में पहले से दूल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें व आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रखे। अपने क्षेत्र में बाल विवाह का आयोजन न होने दें। ऐसा पाए जाने पर इसकी सूचना प्रशासन को दें और बाल विवाह रोकना सुनिश्चित करें। अभिषेक मीणा ने बताया कि विवाह के लिए लडक़ी की शादी की उम्र 18 वर्ष व लडक़े की शादी की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व विवाह करना कानूनन अपराध है। नियम के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही किए जाने का भी प्रावधान है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रूपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान हैै। उन्होंने कहा कि झूठी शिकायत करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के आयोजन के संबंध में सूचना समय रहते नजदीक के पुलिस थाना, चौकी में, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यू सीडीपीओ, बाल संरक्षण अधिकारी, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास, एसडीएम, बीडीपीओ, तहसीलदार, सीटीएम, पुलिस अधीक्षक व बाल विवाह निषेध अधिकारी व पुलिस कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, तथा महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर दी जा सकती है। इस अवसर पर संबंधित विभागीय अधिकारी सहित विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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