2025-03-21 20:29:46
किशनगंज : भारतीय पशु चिकित्सा संघ (IVA) की कार्यकारिणी समिति की बैठक महाराष्ट्र पशु पालन और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MAHFSU), नागपुर में आयोजित की गई। इस बैठक में देशभर के विभिन्न राज्य पशु चिकित्सा संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता MAHFSU के उपकुलपति डॉ. नितीन पटेल ने की, और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री देवदत्त जी, राष्ट्रीय सह-संगठन सचिव, ABVP ने इस कार्यक्रम को शرف प्रदान किया। बैठक की शुरुआत में डॉ. उमेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष, भारतीय पशु चिकित्सा संघ ने श्री राजीव रंजन सिंह एवं प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, माननीय मत्स्य पालन मंत्री और माननीय राज्य मंत्री, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार का धन्यवाद किया, जिन्होंने पशु-औषधि केंद्रों की मंजूरी दी, जिससे कृषि मालिकों को सस्ते में सामान्य पशु चिकित्सा दवाइयाँ उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का भी पशु चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक अलग मंत्रालय और विशेष ध्यान देने के लिए आभार व्यक्त किया। बैठक में पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें राज्य-विशिष्ट समस्याएँ शामिल थीं। MAHFSU और IVA का एक संयुक्त सेमिनार भी आयोजित किया गया, जिसका विषय VCI - MSVE: पोस्ट ग्रेजुएट (MVSc और PhD नियमावली) था, जिसमें महत्वपूर्ण चर्चाएँ और सिफारिशें की गईं। बैठक में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. शिरीष उपाध्ये, डीन MAHFSU, डॉ. कुरकुरे, निदेशक अनुसंधान MAHFSU, डॉ. भीकाने, निदेशक विस्तार MAHFSU, और डॉ. पोन्दे, डीन मत्स्य पालन विभाग MAHFSU, नागपुर शामिल थे। बैठक में पारित प्रमुख प्रस्ताव: IVA के लिए राज्य अध्यायों की स्थापना ताकि पशु चिकित्सा डॉक्टरों और पशुपालकों तक पहुँच बनाई जा सके। पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों और पशु चिकित्सा प्रैक्टिस के न्यूनतम मानकों को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।यह प्रस्ताव पारित किया गया कि पशु चिकित्सा शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के दायरे से बाहर रखा जाए, जैसा कि चिकित्सा शिक्षा के साथ किया गया है। विभिन्न राज्य सरकारों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई (MVU) योजना के वेतन में विसंगतियों को संबंधित अधिकारियों के पास उठाया जाएगा। एक समिति का गठन किया गया है, जो 8वीं वेतन आयोग से प्रतिनिधित्व करेगी और देशभर में पशु चिकित्सकों के लिए समान वेतन की सिफारिश करेगी, साथ ही अन्य वेतन संबंधी मामलों पर ध्यान देगी। डॉ. उमेश शर्मा, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष और IVA के अध्यक्ष ने कहा, पशु चिकित्सा क्षेत्र एक उभरता हुआ क्षेत्र है, और इसका दायरा वन हेल्थ से लेकर रोग नियंत्रण, दूध उत्पादन, रोजगार सृजन और किसानों की आय दोगुनी करने तक फैला हुआ है। पशु चिकित्सा डॉक्टरों जैसे संगठनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी को पशुपालकों तक पहुँचाने में मदद करते हैं। IVA के महासचिव डॉ. डी. तंगैवेलु ने नीति हस्तक्षेप की महत्ता पर बल दिया और देशभर के राज्य संघों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में डॉ. संदीप इंगल, उपाध्यक्ष VCI और IVA, डॉ. विजय कृष्ण, कोषाध्यक्ष IVA, डॉ. अमित नैन, VCI सदस्य और जोनल सचिव IVA, डॉ. गीताप्रिया, VCI सदस्य और विभिन्न क्षेत्रों के जोनल सचिव एवं उपाध्यक्ष उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने महाराष्ट्र टीम का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस कार्यक्रम को आयोजित किया और देशभर में एकजुट पशु चिकित्सा मंच का संदेश फैलाया, जिससे राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान सुनिश्चित हो सके।