केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग अनुदान के तहत कर्नाटक और त्रिपुरा के लिए 436 करोड़ से ज्यादा किए जारी

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए त्रिपुरा और कर्नाटक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान की दूसरी किस्त 436 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि जारी कर दी है
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2025-03-27 17:40:38

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए त्रिपुरा और कर्नाटक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान की दूसरी किस्त 436 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि जारी कर दी है। इससे स्थानीय शासन को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। दोनों राज्यों में स्थानीय निकायों को मिलेगी सहायता पंचायती राज मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए त्रिपुरा और कर्नाटक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान की दूसरी किस्त को जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में 589 पात्र ग्राम पंचायतों के साथ-साथ सभी ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों और पारंपरिक स्थानीय निकायों को लाभ पहुंचाने के लिए अनटाइड ग्रांट (दूसरी किस्त) के 31.1259 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वहीं, कर्नाटक के 5,375 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए अनटाइड ग्रांट (दूसरी किस्त) में 404.9678 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिससे राज्यभर में ग्रामीण स्थानीय निकायों को सहायता मिलेगी। इनका उद्देश्य स्थानीय बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को बढ़ाना मंत्रालय के मुताबिक अनटाइड ग्रांट का उपयोग विभिन्न समुदाय और विशिष्ट जरूरतों के लिए किया जा सकता है। इनका उद्देश्य स्थानीय बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को बढ़ाना है। इसके अलावा अनटाइड ग्रांट का स्वच्छता (खुले में शौच मुक्त स्थिति, अपशिष्ट प्रबंधन और मल प्रबंधन के रखरखाव सहित) और पेयजल (वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण सहित) के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से आवंटित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा प्रबंधित 15वें वित्त आयोग अनुदान जमीनी स्तर पर विकास को बढ़ावा देने, स्थानीय शासन को बढ़ाने और ग्रामीण समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप पहलों का समर्थन करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये अनुदान पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाते हैं, जिससे वे संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होते हैं।

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