2025-04-16 19:55:20
हिसार सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के आह्वान पर ऑनलाइन डायरी भरने के फैसले के खिलाफ संघ के जिला प्रधान प्रमोद कुमार के नेतृत्व में अध्यापकों ने रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का संचालन करते हुए जिला सचिव विनोद कुमार ने करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को ऑनलाइन डायरी भरने का आदेश जारी करना अध्यापकों को शिक्षण कार्य से दूर रखने की साजिश है। प्रदर्शनकारी अध्यापकों को संबोधित करते हुए राज्य प्रधान प्रभु सिंह ने बताया कि आज तक के सभी शिक्षा आयोग, शिक्षा नीतियां, विद्वान, शिक्षा मनोविज्ञान, शिक्षा समाजशास्त्र व शिक्षण शास्त्र यह कहते आए हैं कि जब तक शिक्षक को बच्चों, अभिभावकों, स्थानीय समुदाय तथा वहां की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक परिस्थितियों की गहन समझ नहीं होगी, तब तक शिक्षा की बाधाओं को पहचाना नहीं जा सकता। जब तक बाधाओं को पहचाना नहीं जाएगा, तब तक उन्हें दूर भी नहीं किया जा सकेगा। इन बाधाओं की पहचान के लिए शिक्षक को पर्याप्त समय चाहिए होता है। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षा के औपचारिक ढांचे में भी शिक्षक-बच्चों को जितना संभव हो, अनौपचारिक होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि उल्लास का हाल हमारे सामने है। कितनी फोटो-वीडियो ऑनलाइन करवाई गईं, शिक्षकों का समय-संसाधन झोंके गए, परिणाम मात्र कागजी हैं, व्यवहार में शून्यता है, जो टूटने का नाम नहीं ले रही। इसलिए सभी शिक्षक चाहते हैं कि अध्यापकों को फालतू के कामों में न उलझाकर सिर्फ पढ़ाने दिया जाए, ताकि हम बच्चों का भविष्य बना सकें। जबकि ऑनलाइन एजुसेट, टैब, स्मार्ट बोर्ड, डिजिटल बोर्ड द्वारा करवाई गई पढ़ाई के परिणाम भी अभी तक शून्य ही हैं। इसके लिए ये संसाधन जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि नीतियों की आड़ में पढ़ाई बर्बाद करना जिम्मेदार हैं। अगर सरकार पारदर्शिता के लिए सब कुछ ऑनलाइन करवाना चाहती है, तो वह प्रत्येक स्कूल में एक कंप्यूटर, ऑपरेटर, डेटा व इंटरनेट रेंज उपलब्ध करवाए।