सोलरपावर यूरोप और नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया NSEFI ने नए

वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितता के बीच भारत और यूरोपीय संघ ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है
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2025-04-13 21:27:28

नई दिल्ली। अपने मौजूदा सहयोग के आधार पर, सोलरपावर यूरोप और नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (NSEFI) ने एक नया समझौता ज्ञापन (MoU) हस्ताक्षरित किया है, जिसका उद्देश्य भारत और यूरोपीय संघ के बीच सौर निर्माण में सहयोग को और गहरा करना तथा मजबूत, विविधतापूर्ण और लचीली वैल्यू चेन का निर्माण करना है। भारत वर्तमान में विश्व के सबसे गतिशील सौर ऊर्जा बाजारों में से एक है, जहां यूरोपीय कंपनियों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। जहां यूरोपीय कंपनियां तकनीकी दक्षता, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और विश्वसनीयता के लिए जानी जाती हैं, वहीं भारत में बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं, और घरेलू विनिर्माण क्षमताओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। इस साझेदारी के माध्यम से दोनों संस्थाएं निर्माण परियोजनाओं के लिए व्यापार और निवेश के अवसरों की पहचान करेंगी। इसके साथ ही, ज्ञान और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच क्षमता निर्माण हो सके। यह समझौता सौर उपकरणों की बाजार तक पहुंच से संबंधित नियामकीय मुद्दों के समाधान और नीति-निर्माताओं से संवाद को भी प्रोत्साहित करेगा। सोलरपावर यूरोप के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर माटे हीस्ज़ ने इस साझेदारी को लेकर कहा: भारत और यूरोपीय संघ स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्वाभाविक सहयोगी हैं। यूरोपीय नीतियां जैसे नेट-ज़ीरो इंडस्ट्री एक्ट और नई प्रतिस्पर्धात्मक रणनीतियाँ, यूरोप में लचीले और भरोसेमंद सौर उत्पादों की मांग को बढ़ा रही हैं। भारत, वैश्विक सौर आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। NSEFI के साथ यह नया समझौता यूरोपीय कंपनियों — विशेष रूप से उपकरण आपूर्तिकर्ताओं, विनिर्माताओं और परियोजना डेवलपर्स — के लिए भारत में नए बाज़ार अवसर खोलेगा और भारत के महत्वाकांक्षी सौर लक्ष्य पूरे करने में सहायक होगा।” NSEFI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रह्मण्यम पुलिपाका ने कहा: “भारत और यूरोपीय संघ की साझेदारी न केवल स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में लाभकारी है, बल्कि यह वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में भी एक सशक्त कदम है। भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही वह एक वैश्विक सौर निर्माण हब बनने की ओर अग्रसर है। यह सहयोग नवाचार, सीमापार निवेश और विशेष रूप से अपस्ट्रीम विनिर्माण में टिकाऊ और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण की दिशा में नए रास्ते खोलेगा। इसका लाभ न केवल भारत और यूरोप को, बल्कि संपूर्ण वैश्विक ऊर्जा भविष्य को मिलेगा।” यह समझौता सोलरपावर यूरोप की ‘इंटरनेशनल सोलर मैन्युफैक्चरिंग इनिशिएटिव (ISMI)’ के तहत हुआ है, जो यूरोपीय कंपनियों और भारत जैसे देशों के बीच उत्पादन और तकनीकी सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।

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