2025-01-05 15:36:43
अलीगढ़। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार के निर्देशानुसार जिला कारागार स्थित बैरक संख्या 32 जिसमें वृद्ध विचाराधीन, दोषसिद्ध बंदी रहते है, में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं किशोर बैरक व महिला बैरक का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एवं अपर जिला जज नितिन श्रीवास्तव द्वारा किया गया। जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान जेलर कमलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि जिला कारागार में कुल स्वीकृत क्षमता 1100 पुरूष बंदी 72 महिला बंदी व 30 अल्पव्यस्क बंदी के सापेक्ष आज की तिथि में जिला न्यायालय अलीगढ़ के 1774 बंदी निरुद्ध है जिसमें से 1272 विचाराधीन बंदी 478 सिद्धदोष बंदी व 03 विदेशी बंदी है इनमें से 1685 पुरूष एवं 65 महिलादोषसिद्ध/विचाराधीन बंदी तथा 21 अल्पव्यस्क विचाराधीन बंदी है। नालसा द्वारा 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के विचाराधीन, दोषसिद्ध बंदियो एवं टर्मिनली इल विचाराधीन, दोषसिद्ध बंदियो के लिय एक मुहिम चलायी जा रही है। जिसके संदर्भ में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इन बंदियो की पहचान के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार अलीगढ़ की वृद्ध बैरक अर्थात बैरक संख्या 32 में किया गया। नालसा की उक्त मुहिम के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीगढ़ द्वारा प्रत्येक वृद्ध बंदी से मिला गया तथा वहाँ पर उपस्थित जिला कारागार अस्पताल के डाक्टर से उक्त विचाराधीन, दोषसिद्ध बंदी की उम्र एवं उनके स्वास्थ्य के बाबत से जानकारी प्राप्त की। जिला कारागार अस्पताल के डाक्टर द्वारा प्रत्येक वृद्ध बंदी की उम्र एवं स्वास्थ्य के बाबत जानकारी उपलब्ध करायी इसके साथ ही साथ उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि कुछ वृद्ध जिला कारागार अस्पताल में भी भर्ती है जिनका इलाज चल रहा है। वृद्ध विचाराधीन, दोषसिद्ध बंदियो से मिलने के उपरांत सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वहीँ पर एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित वृद्ध दोषसिद्ध, विचाराधीन बन्दियों को अवगत कराया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा तथा जिला कारागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आने वाले चीफएडिप्टी चीफएअसिस्टेट लीगल एड डिफेंस काउसिल के द्वारा एक प्रार्थना पत्र सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्तात् सचिव द्वारा उनके जमानत की धनराशि शिथिल करने के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगीं। इसके अतिरिक्त आप लोगों के बैरकों में यदि कोई ऐसा बन्दी निरूद्ध हो, जिसके पास अधिवक्ता न हो, तो उसे उसके वाद की पैरवी हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा उन्हे निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान दो वृद्धजन ने निःशुल्क अधिवक्ता की माँग की।