ऋण और ब्याज का भुगतान करने के लिए भी सैनी सरकार ऋण पर निर्भर पर्ल चौधरी

भाजपा की इसी नीति और नीयत से हरियाणा कैसे होगा आत्मनिर्भर
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2025-03-18 16:56:38

पटौदी । डबल इंजन और ट्रिपल इंजन कि भाजपा सरकार नॉनस्टॉप दौड़ रही है । विकास और विकास घोषणाओं के नॉनस्टॉप दावे करते हुए अखबारी प्रचार किया गया। सरकार के चेहरे बदले , लेकिन नहीं बदली तो वह हरियाणा की आर्थिक स्थिति नहीं बदल सकी। भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान केवल और केवल आंकड़ों की बाजीगरी दिखाते हुए आम जनता को आंकड़ों के खेल में ही उलझाए रखने का काम किया। मौजूदा बजट में सीएम सैनी और वित्त मंत्री ने क्या कुछ दिया और कहा ? यह भी सही मायने में अबूझ पहेली है । लेकिन नॉनस्टॉप दौड़ रही भाजपा और भाजपा के नेता गुणगान करने में लगे हुए हैं । हकीकत यह है की हरियाणा सरकार अपना ऋण और ब्याज चुकाने के लिए ही ऋण पर ही निर्भर है । यह बात हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी एससी सेल की प्रदेश महासचिव और पटौदी से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस नीति श्रीमती पर्ल चौधरी ने कही। उन्होंने कहा हरियाणा सरकार के बजट को अगर ध्यान से समझते हुए देखोगे तो आपको सरकार की तिकड़मबाजी स्पष्ट हो जाएगी। हरियाणा सरकार राज्य विकास ऋण, राज्य योजनागत ऋण, खाद्यान्न खरीद ऋण एवं वित्तीय संस्थानों से इस वित्तीय वर्ष में करीब 71350 करोड रुपए का लोक ऋण लेगी। जिसमें 62320 करोड़ पुराने ऋणों को चुकता करने और व्याज चुकता करने में व्यय किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 की मनोहर लाल की सरकार ने जहां 21604 करोड़ का व्याज चुकाती थी । वहीं इस वित्तीय वर्ष में नायाब सरकार को 26231 करोड़ का ब्याज चुकाना पड़ेगा। यानि 21 प्रतिशत व्याज के रकम में और बढ़ोतरी हुई है । गुड़गांव महानगर राजनीतिक जिले के पटौदी, फरुखनगर जैसा ग्रामीण इलाका हो या मानेसर का प्रसिद्ध औद्योगिक इलाका, यहां 6 से 12 घंटे बिजली कटौती आम बात है । अब जब सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में 23 प्रतिशत बजट कटौती प्रस्तावित की है , तो आने वाले दिनों में गुड़गांव महानगर जिले के साथ-साथ पूरे हरियाणा प्रदेश में बिजली की घोर कमी की आशंका बनती है । नायाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऊर्जा क्षेत्र के 8237 करोड़ के मनोहर बजट राशि को 1857 करोड़ की कटौती करके इस वित्तीय वर्ष में 6379 करोड़ करने का प्रावधान किया है। हैट्रिक भाजपा सरकार का सैलरी बही खाता कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा 2014-15 में हरियाणा सरकार के द्वारा कर्मचारियों के वेतन पर अपने कुल राजस्व प्राप्ति का 32.6 फीसदी खर्च होता था। जो कि अब घटकर 25 फीसदी पर प्रस्तावित है। इसी कारण से सरकार शिक्षकों, डॉक्टरों , अभियंताओं, जजों की बहाली में कोताही करती आ रही है । हमारे हरियाणा प्रदेश का ओजस्वी एवं उत्साही युवा, बीजेपी के सरकार की दिशाहीन नीतियों के कारण बेरोजगारी की मार को सहने के लिए मजबूर है। पिछले 11 वर्षों में हरियाणा की जुमलेबाज मनोहर- नायाब सरकार ने महिलाओं, युवाओं,गरीब और वृद्धजन सबके जीवन में उथल-पुथल मचाकर डिपार्टमेंट ऑफ भविष्य खोलने की घोषित भविष्यवाणी की है । भाजपा के मुताबिक यदि इसी प्रकार की राम राज्य की कल्पना है तो फिर निश्चित ही अब तो राम ही जान बचाए।

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