2023-09-16 14:03:58
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:- एक राजा जिसे रात में सोने से पहले मलाई रबड़ी खाने का शौक था। इसके लिए राजा ने सुनिश्चित किया कि खजांची (जो राज्य के धन का लेखा जोखा रखता है) एक नौकर को रोजाना चार आने दे मलाई लाने के लिए और यह क्रम चलता रहा। कुछ समय बाद खजांची को शक हुआ कि कहीं नौकर चार आने की मलाई में गड़बड़ी तो नहीं कर रहा। उसने चुपचाप नौकर पर नजर रखनी शुरू कर दी। खजांची ने पाया कि नौकर केवल तीन आने की मलाई लाता है और एक आना बचा लेता है। अपनी चोरी पकड़ी जाने पर नौकर ने खजांची को एक आने की रिश्वत देना शुरू कर दिया। अब राजा को दो आने की मलाई रबड़ी मिलती जिसे वह चार आने की समझ कर खाता। कुछ दिन बाद राजा को शक हुआ कि मलाई की मात्रा में कमी हो रही है।
राजा ने अपने खास मंत्री को अपनी शंका बतलाई और असलियत पता करने को कहा
मंत्री ने पूछताछ शुरू की। खजांची ने एक आने का प्रस्ताव मंत्री को दे दिया। अब हालात ये हुए कि नौकर को केवल दो आने मिलते जिसमें से एक आना नौकर रख लेता और केवल एक आने की मलाई रबड़ी राजा के लिए ले जाता कुछ दिन बीते। इधर हलवाई जिसकी दुकान से रोजाना मलाई रबड़ी जाती थी उसे संदेह हुआ कि पहले चार आने की मलाई जाती थी अब घटते घटते एक आने की रह गई। हलवाई ने नौकर को पूछा और राजा को बतलाने की धमकी दी। नौकर ने पूरी बात खजांची को बतलाई और खजांची ने मंत्री को। अंत में यह तय हुआ कि एक आना हलवाई को भी दे दिया जाए। अब समस्या यह हुई कि मलाई कहां से आएगी और राजा को क्या बताया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मंत्री ने ले ली। इस घटना के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि राजा को मलाई की प्रतीक्षा करते करते नींद आ गयी। इसी समय मंत्री ने राजा की मूछों पर सफेद चाक(खड़िया) का घोल लगा दिया। अगले दिन राजा ने उठते ही नौकर को बुलाया तो मंत्री और खजांची भी दौड़े आए। राजा ने पूछा- कल मलाई क्यों नही लाए।
नौकर ने खजांची और मंत्री की ओर देखा। मंत्री बोला- हुजर यह लाया था, आप सो गए थे इसलिए मैने आपको सोते में ही खिला दी। देखिए अभी तक आपकी मूछों में भी लगी है। यह कहकर उसने राजा को आईना दिखाया। मूछों पर लगी सफेदी को देखकर राजा को विश्वास हो गया कि उसने मलाई खाई थी। अब यह रोज का क्रम हो गया, खजाने से चार आने निकलते और बंट जाते। राजा के मुंह पर सफेदी लग जाती। यही दशा जिले के पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत वनांचल ग्राम पंचायत रिंगनिया में चल रहा है, जिसमे आम जनता राजा है, खजांची इस पंचायत के सरपंच, पंचों व सचिव क्रमश: मंत्री और नौकर तथा हलवाई संबंधित विभाग के नौकरशाह। इस पंचायत में पैसा भले ग्रामीण जनता के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति और विकास कार्यों के नाम पर निकल रहा है लेकिन उक्त कहानी की तरह ग्रामीणों को चूना दिखाकर संतुष्ट किया जा रहा है। यहां पेयजल व्यवस्था, रनिंग वाटर, पहुँचमार्ग मुरुमीकरण, मरम्मत कार्य, स्ट्रीट लाइट, सोख्ता गड्ढा, चौकीदार मानदेय सहित विभिन्न कार्यों की आड़ में मूलभूत, 14वें, 15वें वित्त आयोग मद से बेहिसाब राशि निकली गई है और अधिकतर राशि का वारा- न्यारा किया गया है।
सरपंच- सचिव ने निजी स्वार्थ सिद्धि की भावना रख पंचायत भवन मरम्मत कार्य के नाम पर बाउचर की तिथि 4 मार्च 2022 को 30 हजार एवं 21 मार्च 2022 को 20 हजार की राशि मूलभूत से निकाली है जबकि ग्रामीणों के अनुसार काम एक ढेला का भी नही हुआ है। वहीं पंचायत भवन हेंडपम्प के पास सोख्ता गड्ढा निर्माण कार्य कराया गया है, जिस निर्माण की अधिकतम लागत 5 हजार आयी होगी किन्तु 16 मार्च 2022 की तिथि में मूलभूत से 33 हजार आहरण किया गया है। इसी प्रकार पंचायत कार्यालय भवन में रनिंग वाटर के स्थापना कार्य से तीन गुना अधिक राशि आहरित की गई है। जिसके अनुसार पंचायत भवन के पास स्थित पुराने हेंडपम्प में सबमर्सिबल डाल व पाइप लाइन के जरिये सिंटेक्स तक पानी पहुँचाने की प्रक्रिया अपनाकर 15वें वित्त से 9 नवंबर 2022 की तिथि में 90 हजार 3 सौ रुपए व 6 मई 2022 की तिथि में 1 लाख 6 हजार की राशि आहरण का जियो टैग में उल्लेख है। सरपंच- सचिव के मिलीभगत से इस पंचायत में हुए अन्य हेरा- फेरी का खबर अगले अंक में प्रसारित किया जाएगा।