2025-02-01 18:41:25
गुरुग्राम : कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह सरकार के गठन के पहले दिन से ही जिला में निरन्तर विकास परियोजनाओं का जायजा ले रहे हैं। इसके साथ साथ जिला की प्रमुख समस्याओं व आमजन की शिकायतों के संदर्भ में संबंधित विभागीय अधिकारियों संग बैठक कर उन्हें स्थायी समाधान के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने शुक्रवार को एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों संग बैठक कर मानेसर तहसील के कासन, कुकड़ोला और सहरावन गांवों की 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के मामले में नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023 को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बता दें कि कैबिनेट मंत्री ने किसानों की मांग पर 3 जनवरी को विभागीय अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर 31 जनवरी तक पॉलिसी का लाभ देने के संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिए थे। बैठक में किसानों ने कैबिनेट मंत्री को अवगत कराया कि अधिकतर किसान जो नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023 का लाभ लेने के इच्छुक थे। वे समय रहते इसका लाभ नही ले पाए। राव नरबीर सिंह ने किसानों की मांग पर संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पालिसी का लाभ लेने से वंचित रहे किसानों के लिए पोर्टल को पुनः 15 दिन के लिए खुलवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वंचित किसानों के लिए अंतिम अवसर है। इसके उपरांत पोर्टल को नही खोला जाएगा। जनता द्वारा जनहित के लिए चुनी गई सरकार राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो व पूरा कार्य समयबद्धता के साथ पूरा किया जा सके। इसके लिए डीआरओ नरेश कुमार को हफ्ते में दो दिन मंगलवार व वीरवार को एचएसआईआईडीसी कार्यालय में बैठने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों के आवेदनों में किसी प्रकार की त्रुटि ना रहे इसके लिए एचएसआईआईडीसी के अधिकारी तीनों गांवों के पटवारी के साथ उनका आवेदनपत्र तैयार करने व अन्य कागजी कार्रवाई में सहयोग करेंगे। राव ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह किसान हितेषी सरकार निरन्तर उनकी उन्नति को लेकर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह जनता द्वारा जनहित के लिए चुनी गई सरकार है। जो किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नही होने देगी। खरीदने या बेचने की भी स्वतंत्रता दी गई बैठक में एचएसआईआईडीसी के एमडी सुशील सारवान ने नो लिटिगेशन पॉलिसी -2023 की जानकारी देते हुए कहा कि इस नीति में भूमि मालिकों या लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट धारकों को लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का व्यापार करने, खरीदने या बेचने की भी स्वतंत्रता दी गई है। भूमि मालिक ओपन मार्केट में लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है। आवंटित की जाने वाली साइट के संबंध में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को पोजेशन के साथ एचएसआईआईडीसी द्वारा विकसित भूखंडों की पेशकश की जाएगी। बाय बैक का भी विकल्प दिया बैठक में एचएसआईआईडीसी से चीफ कॉर्डिनेटर इंडस्ट्रीज सुनील शर्मा ने बताया कि इस नीति में सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को बाय बैक का भी विकल्प दिया है। इसके तहत, भूमि मालिक व लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट धारक एचएसआईआईडीसी से वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं। बैठक में डीआरओ नरेश कुमार, एचएसआईआईडीसी से जीएम दिव्य कमल व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित काफी संख्या में किसान भी मौजूद रहे।