2025-04-06 17:30:14
हथीन: रविवार को हथीन शहर सहित आसपास के गांवों में चैत्र नवरात्रि की नवमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव एवं हर्षोल्लास के साथ कन्या पूजन कर मनाया गया। महिलाओं ने अपने अपने घरों में हलवा , पूड़ी और चना का प्रसाद बनाकर कन्याओं को भोजन कराया और अपनी श्रद्धानुसार उपहार भेंट कर आशीर्वाद लिया। मान्यता है कि कन्या पूजन देवी दुर्गा के 9 रूपों की आराधना का प्रतीक है, जिसमें छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है।कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं और एक लंगूर यानी कि बालक को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराया जाता है और उपहार भेंट किए जाते हैं। यह पूजा नारी शक्ति, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन पारंपरिक रूप से, कन्या पूजन के लिए नौ कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है, जो देवी के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसके साथ ही, एक लंगूर (यानी एक छोटे बालक) को भी आमंत्रित किया जाता है, जिसे भगवान भैरव का स्वरूप माना जाता है। कन्या पूजन का मुख्य उद्देश्य कन्याओं को श्रद्धापूर्वक भोजन कराना होता है। इस अनुष्ठान में कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पारंपरिक रूप से पूड़ी, चना और हलवा का भोग अर्पित किया जाता है। उनके चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। यह चरण वंदना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कन्याओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का भी एक सुंदर तरीका है। अंत में, कन्याओं को उपहार और दक्षिणा भेंट की जाती है।