2025-01-02 16:37:47
नारनौल। स्थानीय आरपीएस स्कूल की हिंदी अध्यापिका पुष्पलता शर्मा को, हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके विशिष्ट योगदान के दृष्टिगत, विक्रमशिला हिंदी-विद्यापीठ, भागलपुर (बिहार) द्वारा विद्या-वाचस्पति मानद उपाधि प्रदान की गई है। विद्यापीठ के पूर्व कुलपति और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामनिवास मानव द्वारा अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र मनुमुक्त भवन में आज उन्हें अंगवस्त्र, स्मृति-चिह्न और प्रमाण-पत्र भेंटकर इस उपाधि से नवाजा गया। मनुमुक्त मानव मेमोरियल ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ. कांता भारती, जिला गौड़ ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष राकेश मेहता, एडवोकेट, बनवारीलाल शर्मा, कृष्णकुमार शर्मा और नीतेश शर्मा, एडवोकेट भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ. मानव ने बताया कि विश्व के तीन सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों में से एक विक्रमशिला की स्थापना पाल वंश के शासक धर्मपाल द्वारा 8वीं शताब्दी में की गई थी। बौद्ध धर्म को विश्व-भर में फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस आवासीय विश्वविद्यालय में एक समय तीन हजार शिक्षक और तीस हजार से अधिक छात्र थे। दुर्भाग्य से मुस्लिम आक्रांता बख्तियार खिलजी ने, नालंदा विश्वविद्यालय की भांति, 1193 के आस-पास इसे भी नष्ट करवा दिया था। वर्तमान हिंदी विद्यापीठ प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्मृति को जीवित रखे हुए है।
उल्लेखनीय है कि पुष्पलता को उक्त उपाधि मिलने पर विद्यापीठ की हरियाणा प्रभारी राजबाला राज (नारनौंद), अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा, विद्यालय पाठ्यक्रम समिति, गुरुग्राम के सदस्य डॉ. पंकज गौड़ और पूर्व मुख्याध्यापिका जयश्री शर्मा ने प्रसन्नता प्रकट करते हुए उन्हें बधाई दी है।