नव वर्ष 2025 के शुभ अवसर पर कैब्स पैराफोर्स ने 150 पूर्व सैनिकों के साथ गुरुग्राम में अपने नये कार्यालय का किया उद्घाटन।

सेवा निवृत्त सैनिकों और सेवा निवृत पुलिस कर्मचारियों के लिए खास ध्यान दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि जो लोग अर्ध सैनिक बल अथवा आर्मी से लगभग 15 साल की नौकरी करने के बाद रिटायर हो जाते हैं।
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2025-01-02 18:49:21

चौहान अनिल : हरियाणा :जैसा कि आप सभी जानते हैं भारतीय महानगरों में यातायात के साधनों में कैब की एक मुख्य भूमिका है। ओला, उबर का नाम तो सभी जानते होंगे। लगभग उसी की तर्ज पर या यूं कहें की ओला उबर कैब कंपनियों से कुछ अलग और खास सुविधाओं से लैस पैराफोर्स कैब आम लोगों के लिए अच्छी साबित हो सकती है। कैब्स पैराफोर्स के संस्थापक और निर्देशक दीपक मुदगल के अनुसार इसमें खास तौर से सेवा निवृत्त सैनिकों और सेवा निवृत पुलिस कर्मचारियों के लिए खास ध्यान दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि जो लोग अर्ध सैनिक बल अथवा आर्मी से लगभग 15 साल की नौकरी करने के बाद रिटायर हो जाते हैं। यदि उनके रोजगार की बात की जाए तो कैब्स पैराफोर्स उनके लिए वरदान साबित हो सकती है। इतना ही नहीं इस कंपनी के संस्थापक दीपक मुद्गल ने मीडिया को बताया कि अधिकांश तौर पर इस कैब को चलाने वाले सीआरपीएफ व अर्ध सैनिक बल से रिटायर्ड जवान होंगे, जिससे कैब में सफर करने वाली महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी। नव वर्ष के शुभ अवसर पर कैब्स पैराफोर्स ने दिल्ली से से सटे गुरुग्राम में अपने नए कार्यालय का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में कार्यक्रम के आयोजक दीपक मुद्गल कंपनी के (संस्थापक और निदेशक) के अलावा भारी संख्या में सेना व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। और दीपक मुद्गल को शुभकामनाएं दी। एच आर सिंह (सेवानिवृत्त एडीजी सीआरपीएफ) विमला मेहरा (सेवानिवृत्त आईपीएस, दिल्ली पुलिस) मूलचंद पंवार (सेवानिवृत्त आईजी सीआरपीएफ) सुरेश शर्मा (सेवानिवृत्त आईजी, पंजाब पुलिस) सुखबीर शर्मा (उपाध्यक्ष, विश्व ब्राह्मण महासंघ) ए के लोधी (वीईसीटी अध्यक्ष) राजपाल डबास (एसीपी दिल्ली पुलिस) शुभलता वशिष्ठ, (जर्मनी से) दीप्ति जोशी, (बीजेपी) दीपक मुद्गल ने पूर्व सैनिकों के पुनर्वास कार्यक्रम की घोषणा भी की। कैब्स पैराफोर्स के पास दिल्ली एनसीआर में 250 से अधिक वाहन हैं, और हैदराबाद में 30 से अधिक वाहन हैं। जो अभी हाल ही में शुरू हुए हैं। कैब का इस्तेमाल करने वाले समस्त लोगों के लिए यदि सुरक्षा की बात की जाए तो यह स्पष्ट है कि रिटायर्ड सैनिकों की देखरेख में सवारियों के लिए भी यह एक सुरक्षित परिवहन का साधन साबित हो सकेगी। क्योंकि इस कैब को चलाने वाले अधिकांश लोग सीआरपीएफ व पुलिस से रिटायर्ड जवान होंगे। यह एक अद्भुत शुरुआत है। और आने वाले दिनों में एक सुरक्षित परिवहन साधन बन सकता है।

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