2025-03-22 19:50:31
अलीगढ़। गया अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिसिन संकाय के इंटरडिसिप्लिनरी ब्रेन रिसर्च सेंटर (आईबीआरसी) को ब्रेन कैंसर के इलाज के लिए विकसित एक नए यौगिक (कंपाउंड) ‘एआरएसएच-क्यू’ के लिए भारतीय पेटेंट प्रदान किया है। यह यौगिक उक्त केंद्र और एप्लाइड केमिस्ट्री विभाग के सहयोग से गहन शोध और परीक्षण के माध्यम से विकसित किया गया है। “एआरएसएच-क्यू” ने ब्रेन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में असाधारण क्षमता दिखाई है, विशेष रूप से उन स्टेम कोशिकाओं को जो रेडिएशन और कीमोथेरेपी के प्रति प्रतिरोधक होती हैं। ब्रेन कैंसर की पुनरावृत्ति और उच्च मृत्यु दर के संदर्भ में यह खोज अधिक प्रभावी उपचार विकल्पों के लिए आशा की किरण है। शोध टीम का नेतृत्व डॉ. मेहदी हयात शाही ने किया। उनकी टीम में डॉ. मुशीर अहमद, अरिफ अली, मोहम्मद मुजम्मिल, बासरी और स्वालीह पी. शामिल थे। डॉ. शाही 2005 से ब्रेन ट्यूमर पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से सोनिक हेजहोग सेल सिग्नलिंग पाथवे पर कार्य किया है, जो ब्रेन कैंसर और अन्य घातक रोगों में स्टेम कोशिकाओं की भूमिका के लिए महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं का उद्देश्य एक ऐसी दवा विकसित करना था जो वर्तमान मानक कीमोथेरेपी दवा, टेमोजोलोमाइड से अधिक प्रभावी हो। व्यापक प्रयासों के बाद, उन्होंने “एआरएसएच-क्यू” का विकास किया, जिसने प्रारंभिक परीक्षणों में असाधारण परिणाम दिए। डॉ. शाही और उनकी टीम अब प्री-क्लीनिकल अध्ययन के माध्यम से यौगिक की प्रभावकारिता को सत्यापित करने की योजना बना रहे हैं। उनका लक्ष्य इस यौगिक को ब्रेन कैंसर के लिए एक स्वतंत्र चिकित्सीय एजेंट या कीमोथेरेपी के पूरक के रूप में विकसित करना है। शोधकर्ताओं ने एएमयू के कुलपति, मेडिसिन संकाय के डीन, आईपीआर सेल के संयोजक और आईबीआरसी के समन्वयक को पेटेंट प्रक्रिया में सहयोग और इस महत्वपूर्ण शोध प्रयास को सुगम बनाने के लिए धन्यवाद दिया।