2023-12-27 12:40:12
हमीरपुर। धर्मपरिवर्तन का एक मामला बीते दिन से चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासन को जब इसकी सुगबुगाहट हुई तो इसकी जांच के लिए तहसीलदार खुद मौके पर पहुंचे और सच्चाई जानने के बाद उनके खुद के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। धर्म परिवर्तन का यह आरोप उनके ही अधिनस्त पर लगा है। फिलहाल इस मामले की जांच करने पहुंचे अधिकारी ने कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। माना की दो दिन से वह शख्स मस्जिद जा रहा था। धर्म परिवर्तन के आरोप का यह मामला मौदहा कोतवाली कस्बे का है। यहां एक मस्जिद में जब एक अज्ञात शख्स को लोगों ने दो दिन नमाज पढ़ने आते देखा तो इसकी पूछताछ शुरू हो गई। लोगों ने जब अज्ञात शख्स से जानकारी ली तो उसने अपना नाम मोहम्मद यूसुफ बताया और कानपुर का रहने वाला बताया।
लेकिन जब उसने अपने आपको मौदहा तहसील का नायब तहसीलदार बताया तो लोगों के होश उड़ गए। मस्जिद के मोहम्मद ने अपने आपको किसी विवाद से बचाने के लिए इसकी सूचना अधिकारियों को दे दी। जिसकी जांच करने के लिए बीती रात तहसीलदार मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान दर्ज करते हुए दस्तखत कराए हैं। मस्जिद के मोहम्मद मुस्ताक ने बताया की एक अज्ञात शख्स लगातार नमाज पढ़ने आ रहा था। जो अपना नाम मोहम्मद यूसुफ बता रहा था। उसने अपने आपको कानपुर का रहने वाला और मौदहा का नायब तहसीलदार बताया तो हमने इसकी सूचना अधिकारियों को दी थी। जिसकी जांच करने के लिए बीती रात तहसीलदार आए थे। जांच अधिकारी ने मौके पर मौजूद तमाम लोगों के बयान दर्ज किए हैं और दस्तखत कराए हैं।
लोगों का कहना है की यह मुहम्मद यूसुफ नहीं बल्कि आशीष गुप्ता हैं। जो मौदहा तहसील में नयाब तहसीलदार के पद पर तैनात है। मिली जानकारी के अनुसार आशीष गुप्ता कानपुर का रहने वाला बताया जा रहा है। आशीष गुप्ता की शादी हो चुकी है और दो बच्चे भी हैं। चर्चा इस बात की भी है की आशीष गुप्ता ने मौदहा तहसील क्षेत्र में हाल ही में एक मुस्लिम युवती से निकाह भी किया है। उसके बाद से ही यह काचरिया बाबा की मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचने लगा था। मस्जिद के मुअज्जिन मुहम्मद मुस्ताक की शिकायत पर जांच करने पहुंचे तहसीलदार बलराम गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर जब जांच पड़ताल की तो आशीष गुप्ता नाम का शख्स जो अपना नाम मुहम्मद यूसुफ बता रहा था वह बीती रात से मस्जिद नहीं आया। जांच अधिकारी बलराम गुप्ता ने बताया की आशीष गुप्ता दो दिन मस्जिद गए थे। शायद उनकी किसी से उर्दू सीखने की बात हुई थी। नमाज पढ़ने का मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है।हालांकि जांच अधिकारी ने मौके पर मौजूद लोगों से यह भी पूछा की क्या कोई अन्य धर्म का आदमी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकता.. तो लोगों ने बताया की उनको किसी के नमाज पढ़ने पर आपत्ति नहीं है। बस इतना जरूर है की उसका आरोप उन पर ना आए।