डीएम की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण, जिला वृक्षारोपण एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न

वृक्षारोपण के लिए वर्ष 2025-26 में विभागवार लक्ष्य निर्धारित कर अधिकारियों को पौध तैयार करने एवं स्थल चयन के दिए निर्देश शेखा झील की समुचित साफ-सफाई कराने के दिए निर्देश प्रदूषण नियंत्रण ए काली नदी के किनारे नीम का किया जाए सघन वृक्षारोपण गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाए रखने के लिए स्थानीय नागरिकों को प्रोत्साहित किया जाए
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2025-02-01 16:43:59

अलीगढ़ : जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यावरण एवं जिला वृक्षारोपण समिति के साथ ही जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने वर्ष 2025-26 में विभागवार निर्धारित की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगगभ 34 लाख 38 हजार पौधे रोपित किए जाने हैं। उन्होंने अधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप अन्तर्विभागीय समन्वय से स्थल चयन कराते हुए पौध तैयार कराने के निर्देश दिए। डीएम ने पर्यावरण अनुश्रवण पोर्टल पर नोडल विभागीय अधिकारियों द्वारा मार्च 2024 से अद्यतन सूचनाएं अपलोड न करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने नगर निगम, स्वास्थ्य, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, जिला अर्थ एवं संख्या कार्यालय को पोर्टल पर ससमय अद्यतन सूचनाए अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले की रैंकिंग खराब न हो इसके लिए सभी विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय से अपना कार्य समय से पूर्ण करना सुनिश्चित करे। बैठक में पर्यावरणविद् सुबोध नन्दन शर्मा ने काली नदी में प्रदूषण एवं उसके दुष्परिणाम की ओर जिलाधिकारी का ध्यानाकर्षण कराते हुए बताया कि काली नदी अलीगढ़ के साथ ही अन्य कई जिलों से होकर गुजरती है। नदी में बढ़ते प्रदूषण से जलीय जीवों के साथ ही इसके आस-पास की भूमि भी खराब हो रही है। प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण चीनी मिलों का अपशिष्ट है। उन्होंने प्रदूषण को कम किए जाने के लिए नदी के किनारों पर नीम के पौधों का सघन वृक्षारोपण कराने का सुझाव दिया जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को वृक्षारोपण के दौरान इसे प्रमुखता से शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में शेखा झील की साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में निर्देशित किया कि जलकुंभी की इस प्रकार सफाई कराई जाए कि इसकी कोई जड़ झील में न रहे, अन्यथा की स्थिति में इसके पुनः उगने की संभावना बनी रहती है। जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक में डीएफओ ने बताया कि जिले में अतरौली तहसील में लगभग 12 किलोमीटर क्षेत्र में गंगा नदी बहती है, गंगा के किनारे 12 गॉव आते हैं। डीएम ने कहा कि गंगा को अविरल एवं निर्मल रखने में स्थानीय निवासियों को प्रोत्साहित कर उनका सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल रखने के लिए अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। ठोस एवं द्रव्य अपशिष्ट पदार्थों को यूं ही नदियों में न बहाकर जल को गंदा होने से सुरक्षित रखें। उन्होंने जिला विकास अधिकारी को गंगा की सुरक्षा के लिए संबंधित ग्रामों में मनरेगा से कार्य कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में रोपित पौधों की जीवितता सुनिश्चित कराने के लिए उनकी निरंतर देखभाल कराई जाए। बैठक में डीडीओ आलोक आर्य, उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, डीएलसी सियाराम, सीवीओ डा0 दिवाकर त्रिपाठी, सहायक आयुक्त उद्योग बृजेश कुमार समेत संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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