सत्य सनातन नवसंवत्सर तेरा नित अभिनंदन हो

साहित्य परिषद् की गोष्ठी में उभरा नूतन वर्ष का सौंदर्य
News

2025-03-31 19:21:14

रेवाड़ी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं विश्वकर्मा स्कूल के संयुक्त तत्त्वावधान में नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में काव्य पाठ एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जहाँ भारत का आध्यात्मिक पक्ष उभरा वहीं सनातन नूतन वर्ष का सौंदर्य बोध भी कराया गया। परिषद् महामंत्री गोपाल शर्मा वासिष्ठ ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत विश्वकर्मा स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा आयोजित हवन से हुई। इसके बाद क विचार गोष्ठी में जहाँ साहित्य और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, वहीं काव्य पाठ मे नवसंवत्सर का महत्व समझाया गया। मुख्य वक्ता व परिषद् संरक्षक एल एन शर्मा ने सनातन परंपरा को जानकर जिंदादिली से जीने का संदेश दिया। कविवर तेजभान कुकरेजा , कवयित्री डॉक्टर कविता , प्रबुद्ध विचारक रंजीत एडवोकेट जी, और विश्वकर्मा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सचिव धीरज शर्मा जी ने अपने विचार प्रस्तुत किए । उन्होंने कहा कि-दिल जवां तो बेबसी कैसी, बढती उम्र की ऐसी -तैसी। विचारक रणजीत एडवोकेट ने कहा-क्या मैं अंत हूँ या अनंत हूँ, या फिर सृजन का पर्यंत हूँ। कवि तेजभान कुकरेजा ने नव संवत का आगाज हुआ, सब मिलकर नाचे गाएँ-कहकर इस दिन का महत्व समझाया तो डा.कविता गुप्ता ने-चारों दिशा सौंदर्य है छाया, देखो है नववर्ष यूं आया-कहकर इस दिन के उल्लास को प्रकट किया। कार्यक्रम में सान्निध्य प्रदान कर रहे स्कूल प्रबंधन के सचिव धीरज ने कहा कि ऐसे उत्सव ही भारतीय संस्कृति का गौरव हैं। हमें अगली पीढी तक इन मूल्यों तक पहुँचाना है।रेवाड़ी इकाई की अध्यक्षा श्रुति शर्मा ने का आभार प्रकट करते हुए नववर्ष की मंगल कामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करने के साथ नई ऊर्जा और प्रेरणा भी देता है ।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion