मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटपड़गंज ने कोलोरेक्टल कैंसर पर जागरूकता बढ़ाई

मार्च माह को विश्वभर में राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है
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2025-03-28 22:30:44

अलीगढ़। मार्च माह को विश्वभर में राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के डॉक्टरों ने पेशेंट सेंट्रिक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में अलीगढ़ के 58 वर्षीय निवासी, श्री अल्लाह नूर की प्रेरणादायक यात्रा को साझा किया गया, जिन्होंने चौथे चरण के कोलोरेक्टल कैंसर से सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी और एक नया जीवन प्राप्त किया। कोलोरेक्टल कैंसर दुनियाभर में तीसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इस अवसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के एचपीबी और जीआई ऑन्कोसर्जरी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. सुरभि गुप्ता तथा श्री अल्लाह नूर की उपस्थिति रही। जानकारी देते हुए डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया अल्लाह नूर को बड़ी आंत (सिग्मॉइड कोलन) के निचले हिस्से में चौथे चरण का कैंसर था। उन्हें करीब दो महीनों तक उल्टी, पेट में दर्द, बुखार और लगातार कब्ज़ की समस्या थी। मेडिकल जांच और डायग्नोस्टिक टेस्ट से पता चला कि कैंसर न केवल बड़ी आंत में था, बल्कि यह लिवर और गॉलब्लैडर तक भी फैल चुका था। हमने एक न्यूनतम इनवेसिव लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की, जिसमें बड़ी आंत के प्रभावित हिस्से, लिवर के छोटे कैंसरयुक्त हिस्सों और गॉलब्लैडर को हटाया गया। चूंकि यह कैंसर लिवर तक फैल चुका था और बायोप्सी में इसकी पुष्टि हो चुकी थी, साथ ही अंतिम रिपोर्ट में लिंफ नोड्स में भी कैंसर का पता चला, इसलिए मरीज को एडजुवेंट कीमोथेरेपी दी गई। इलाज पूरी तरह सफल रहा और आज श्री नूर एक स्वस्थ, कैंसर-मुक्त जीवन जी रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने आगे कहा, ष्लिवर मेटास्टेसिस वाले कोलन कैंसर के मामलों का इलाज करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि, उन्नत न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी तकनीकों और मल्टी-डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण के माध्यम से, हम रोगियों की जीवन प्रत्याशा और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं। इस मामले में, समय पर निदान और सही उपचार के कारण मरीज की अच्छी रिकवरी संभव हुई। यह मामला समय पर कैंसर की पहचान, व्यापक उपचार और आधुनिक सर्जिकल तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, जो जटिल ऑन्कोलॉजिकल स्थितियों के प्रबंधन में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही हैं।

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