महंत चिन्मयदास जी महाराज ने अग्रसेन भवन में विधिविधान से शुरू की श्रीराम कथा

श्रीराम कथा समिति द्वारा महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित आठ दिवसीय रामनवमी महोत्सव व श्रीराम कथा की विधिवत ढंग से शुरूआत हुई
News

2025-03-31 17:18:20

श्रीराम कथा समिति द्वारा महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित आठ दिवसीय रामनवमी महोत्सव व श्रीराम कथा की विधिवत ढंग से शुरूआत हुई। भव्य कलशों की स्थापना के उपरांत महंत चिन्मयदास जी महाराज ने वर्तमान परिदृश्य में श्रीराम कथा के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा सुनकर अपने-अपने दायित्व को बखूबी समझा जा सकता है। पिता, माता, बेटा, बेटी, पति, पत्नी व भाई का क्या कर्तव्य है। इसी भांति राजा, रानी, सेवक व प्रजा का क्या दायित्व है एवं इसे कैसे निभाया जाए, इसकी सीख श्रीराम कथा से मिलती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में श्रीराम कथा को समझना और उसे आत्मसात करने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा को जीवन में उतारकर सदमार्ग को अपनाना सरल हो जाता है। इतना ही नहीं श्रीराम कथा सच्चा मनुष्य बनने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। श्रीराम कथा समिति के पदाधिकारी सुरेंद्र लाहौरिया, राजेश बंसल व शक्ति अग्रवाल ने बताया कि श्रीराम कथा के प्रथम दिवस जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर समाजसेवी कृष्ण कुमार गोरखपुरिया, अंजनी कुमार खारियावाला, अश्विनी गर्ग रविंद्रा पाइप, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. राजीव राजवंशी, डॉ. ललिता राजवंशी, मनोज बंसल लजीज वाले, महाबीर प्रसाद दिल्ली, बजरंग जिंदल, सज्जन मित्तल, कुलबीर अग्रवाल, आनंद प्रकाश गुप्ता, नीरज गुप्ता व डी. एन. सिंगला भी मौजूद रहे। सुरेंद्र मित्तल, शिव कुमार गोयल, राजेंद्र लोहिया, इंद्रचंद बंसल, प्रवीन गर्ग झंडू, राकेश अग्रवाल मेडिकल वाले, अमित गोयल भट्ट वाले, मोहित गुप्ता, वीरभान बंसल, माणिक मित्तल, राहुल अग्रवाल, राकेश शर्मा सैंडले इंडस्ट्री, दीपक वशिष्ट, अनूप गुप्ता, जनक गुप्ता, पुरुषोत्तम सिंगला व मोतीराम कंसल सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। महंत चिन्मयदास जी ने श्रीराम कथा के दौरान सच्चे गुरु को पहचानने व उसकी आज्ञा पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि गुरु वेदसम्मत कार्य करता होगा तभी उसके प्रति सच्ची श्रद्धा होगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा हर मनुष्य के हृदय में हैं परंतु बिना श्रद्धा के उसके दर्शन नहीं होते। सच्चा गुरु ही वह माध्यम है जो परमात्मा के दर्शन का मार्ग प्रशस्त करता है। महाराज जी ने कहा कि गुरु साक्षात परम ब्रह्म है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि तुलसी का पौधा मात्र पौधा नहीं अपितु कल्याणी है, उसी तरह गंगा नदी मात्र नदी नहीं गंगा मैया है और भगवान का नाम केवल शब्द नहीं बल्कि वैतरणी पार करने का उपाय है। इसी भांति गुरु भी परम ब्रह्म के रूप में उद्धार करने वाला है। चिन्मयदास जी महाराज ने कहा कि सच्चा वक्ता और कथा व्यास हर श्रोता में प्रभु के दर्शन करता है। इसी भांति श्रोता को भी वक्ता व कथा व्यास में प्रभु के दर्शन करने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु की शरणागति से ही परम विश्राम की प्राप्ति हो सकती है।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion