2023-09-07 13:02:53
लहार नगर में रोज वैखोफ होकर अनियंत्रित वहान चालक गौ वंशौ को कुचल कर फरार हो जाते हैं आलम तों यह है कि पुलिस थाने के सामने ही अनियंत्रित वहान चालक गायों की कुचल कर हत्या कर दैते है और आराम से निकाल जाते हैं नगर में कई जगह रोड पर अनियंत्रित वहानो से घायल गौवंश घटना स्थल पर ही उपचार के एवं चारे पानी के आभाव में गर्मी वरसात के कारण तडप तडप कर दम तोड देते हैं ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया रात्रि लगभग 10 वजे लहार विधुत मंडल शाखा के नशें में धुत चालक ने जनपद कार्यालय के सामने एक गौ वंश को कुचल दिया और मोके से फरार हो गया वहां से गुजर रहे बाके तिगुनायक ने गौरक्षक संतोष चौहान को सुचना दी संतोष चौहान मौके पर पहुंचे बाके तिगुनायक द्वारा लहार थाना प्रभारी वरुण तिवारी को भी सुचना दी गई थाना प्रभारी द्वारा तत्परता दिखाई गई थाना प्रभारी के निर्देश पर
लहार थाने में पदस्थ एक आरक्षक मौक़े पर घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे और उन्होंने डां को वुलवाकर उसका प्राथमिक उपचार भी करवाया लेकिन जव गौ रक्षक संतोष चौहान ने उक्त प्रधान आरक्षक से गौवंश को कुचलने वाले गाडी चालक पर कार्रवाई करने की वात कही तो प्रधान आरक्षक गौरक्षक संतोष चौहान से फरयादी और गवाह वनाने की वात कहने लगे और कारवाही की वात टाल गये और यदि संतोष चौहान फरयादी वन भी जाते तो भी कारवाही हो इस वात की कोई गारंटी नहीं अब सवाल उठता है कि रोज वहान दुर्घटना से घायल होकर मरने वाली गायों की सुचना देने पर हर वार गौरक्षक संतोष चौहान को ही पुलिस फरयादी और गवाह वनायेगी तो रात दिन घायल वीमार गायों की उपचार सेवा करने वाले संतोष चौहान थाने और कोर्ट कचहरी के चक्कर काट काट कर ही परेशान हो जायेंगे फिर कैसे गौ सेवा कर पायेंगे पिक्षले 10 वर्षों से अपना सब कुछ दांव पर लगा कर गो सेवा कर रहे संतोष चौहान को न तो आज तक शासन प्रशासन से कोई सहयोग मिला और नहीं समाज के लोगों ने आगे आकर होंसला वडाया ऐसी स्थिति में क्या संतोष चौहान को भी शासन प्रशासन और समाज की तरह मुक दर्शाक वनकर गौ दुर्दशा का तमाशा देखते रहना चाहिए शासन प्रशासन का गौ दुर्दशा की अनदेखी का प्रत्यक्ष प्रमाण यह है की संतोष चौहान द्वारा गायों की मौत और गायों पर असमाजिक तत्वों द्वारा किये गये अत्याचारों के सवंध में सेंकड़ों आवेदन जिले भर में वरिष्ठ अधिकारियों को दिये गये भिंड से लेकर ग्वालियर तक गाय समस्या पर
धरना प्रदर्शन आंदोलन भी किये गये लेकिन फिर भी जिम्मेदारो के कानों में जूं तक नहीं रेंगी किसी भी आवेदन पर कार्रवाई नहीं हुई हर वर्ष वरसात में विजली विभाग की लापरवाही के चलते विजली पोलो में दौड़ते करंट की चपेट में आने से दर्जनों गायों की मौत होने का सिलसिला चल रहा है इस संबंध में भी लहार थाने में भी लगभग आधा दर्जन आवेदन संतोष चौहान द्वारा दिये गये लेकिन सांठगांठ कर मामले रफा दफा कर दिये गये हां कार्रवाई के नाम पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए वार वार फोन करके थाने वुलवाकर संतोष चौहान को परेशान जरुर किया गया पुलिस स्टाप द्वारा कई वार अनुचित वार्तालाप भी किया गया जिससे संतोष चौहान परेशान होकर गौ दुर्घटना गौ दुर्दशा पर आवाज उठाना और आवेदन देना वन्द कर दे नेताओं के आगे नतमस्तक रहने वाले प्रशासन का एक गौ सेवक के प्रति ऐसा व्यवहार निंदनीय है दुसरी ओर आज तक कभी किसी जिले के अधिकारी और जन प्रतिनिधि ने संतोष चौहान के गौसेवा कार्य के लिए सहयोग सम्मान देने का विचार भी मन में नही लाया जवकी सत्यता यह है कि संतोष चौहान ने अपना जीवन परिवार दांव पर लगा कर जिले में गौ तस्करों पर शिकंजा कसा घेराबंदी कर दर्जनों गायों से भरे कत्लखाने जाने वाले कंटेनर ट्रकों को पकडा और पुलिस के हवाले कर गायों को आजाद कराया जिले भर में कई जगह जंगलों में तस्करों की घेराबंदी की हजारों विमार घायल गायों की उपचार चारे पानी की सेवा का कार्य किया
लेकिन प्रशासन ने हर वार हर मामले में अपनी नाकामी छिपाने के लिए संतोष चौहान की आवाज दवाने का प्रयास किया समाज में लोग क्यों नहीं
आते गौ सेवा के लिए आगे
गौ रक्षा गौ सेवा के लिए आगे आने वाले युवाओं की समाज में कमी नहीं है लेकिन उन्हें शासन प्रशासन और समाज का सहयोग न मिलने के कारण कुछ दिनों में ही उनका मनोबल टुट जाता है प्रशासन गौ सेवको का सहयोग न कर उन्हें परेशान करने का कार्य करता है क्योंकि प्रशासन के लिए गायों के मामले अनावश्यक उलझन जैसे है प्रशासन में कुछ लोगों के मन में गौ माता के प्रति दया का भाव भी है लेकिन ऐसे लोग वडी कारवाही करने में समर्थ न होने के कारण कुछ नहीं कर पाते,अब देखते हैं कि लहार पुलिस विधुत मंडल के उक्त गाडी चालक पर कार्रवाई करती है य फ़िर पिछले मामलों की तरह इस मामले को भी साठ गांठ कर रफा दफा किया जाता है क्योंकि गौ माता के लिए वोलने वाला कोई नहीं है