जल जीवन मिशन देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से, 80.38 प्रतिशत से अधिक घरों में नल के पानी की आपूर्ति

भारत में जल जीवन मिशन (जेजेएम)-हर घर जल के तहत लगभग 12.34 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए
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2025-04-04 13:37:37

भारत में जल जीवन मिशन (जेजेएम)-हर घर जल के तहत लगभग 12.34 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 31 मार्च 2025 तक, देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से, 15.57 करोड़ (80.38 प्रतिशत) से अधिक घरों में नल के पानी की आपूर्ति हो रही है। वहीं, मिशन की शुरुआत में, केवल 3.23 करोड़ (16.7 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। यह जानकारी लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमण्णा ने प्रदान की है। केन्द्र सरकार ने अगस्त 2019 में केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन (जेजेएम) की शुरूआत की थी और इसका लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना था। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की माताओं एवं बहनों को अपने घर के लिए पानी लाने की सदियों पुरानी मेहनत वाली प्रथा से मुक्ति दिलाना। उनके स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। यह मिशन ‘जीवन को आसान’ बना रहा है और ग्रामीण परिवारों के लिए गौरव एवं सम्मान बढ़ा रहा है। यह मिशन जल के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें मुख्य घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) शामिल हैं। जल जीवन मिशन का लक्ष्य जल के लिए जनांदोलन बनाना है, जिससे यह सभी की प्राथमिकता बन जाए। वहीं, जल जीवन मिशन के व्यापक उद्देश्यों में शामिल हैं:- प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल से जल का कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराना। पानी की गुणवत्ता प्रभावित हिस्सों, सूखाग्रस्त इलाकों, रेगिस्तानी क्षेत्रों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) वाले गांवों में घरेलू नल से जल का कनेक्शन के प्रावधान को प्राथमिकता देना। विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों और सामुदायिक भवनों में नल से जल सुनिश्चित करना। नल से जल कनेक्शन की कार्यक्षमता की निगरानी करना। नकद, वस्तु या फिर श्रमदान के माध्यम से स्थानीय समुदाय के बीच स्वैच्छिक स्वामित्व अधिकार को बढ़ावा देना। जल स्रोतों, बुनियादी ढांचे और नियमित संचालन तथा रखरखाव के लिए वित्तपोषण सहित जल आपूर्ति प्रणालियों की स्थिरता सुनिश्चित करना। जल क्षेत्र में मानव संसाधनों को सशक्त एवं विकसित करना, जिसमें निर्माण, नलसाजी, विद्युत कार्य, जल गुणवत्ता प्रबंधन, जल उपचार, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण आदि शामिल हैं। सुरक्षित पेयजल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छ जल को सभी की जिम्मेदारी बनाने के लिए हितधारकों को शामिल करना। दरअसल, जल जीवन मिशन ग्रामीण समुदायों में स्वामित्व की भावना उत्पन्न करने के लिए सभी जल आपूर्ति निर्णयों में ग्राम-स्तरीय योजना और सामुदायिक भागीदारी पर बल देता है। जल जीवन मिशन ने भारत के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल कनेक्शन प्रदान करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस मिशन से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2025-26 के दौरान कुल परिव्यय में वृद्धि के साथ 2028 तक जल जीवन मिशन के विस्तार की घोषणा की है । यह पहल न केवल जल की कमी को दूर करती है, बल्कि जल लाने के बोझ को कम करके तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाकर समुदायों व विशेषकर महिलाओं को सशक्त भी बनाती है। मिशन के अंतर्गत सामुदायिक भागीदारी, स्थिरता और तकनीकी नवाचार पर जोर दिया जाता है, जो इसके दीर्घकालिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। यह मिशन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे जीवन में बदलाव ला रहा है । ग्रामीण भारत के लिए अधिक स्वस्थ एवं समतापूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है ।

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