भारतीय मूल की अनीता कनाडा की पीएम पद के लिए मजबूत दावेदार

अनीता आनंद की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता की रही है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रही हैं
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2025-01-07 16:01:25

नई दिल्ली : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफ के बाद से उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। खबरों के अनुसार भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद पीएम पद की एक मजबूत दावेदार हैं। अनीता आनंद की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता की रही है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रही हैं जहां उन्होंने इनवेस्ट प्रोटक्शन और कॉर्पोरेट गर्वनेंस में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला था। वर्तमान में वह कनाडा की परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं। अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीतिक अध्ययन में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), डलहौजी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ और टोरंटो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है। जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को लिबरल पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वह लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब ने कनाडा की राजनीति में एक नई चुनौती पेश की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनीता आनंद, पियरे पोलीवरे, क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी जैसे प्रमुख नामों के साथ नेतृत्व की दौड़ अब तेज हो गई है। वहीं, भारतीय मूल की अनीता आनंद अपने प्रभावशाली शासन और सार्वजनिक सेवा के अच्छे रिकॉर्ड के कारण सबसे मजबूत दावेदारों में एक माना जा रही हैं। भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा की वर्तमान परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं। अनीता इंदिरा आनंद का जन्म केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता (दोनों अब दिवंगत हो चुके हैं) भारतीय फिजिशियन थे। उनके पिता तमिलनाडु से और उनकी मां पंजाब से थीं। आनंद की दो बहनें हैं – गीता आनंद, टोरंटो में एक वकील हैं, और सोनिया आनंद, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में एक फिजिशियन और शोधकर्ता हैं। आनंद 1985 में ओंटारियो चली गईं। उन्होंने और उनके पति जॉन ने अपने चार बच्चों का पालन-पोषण ओकविले में किया। आनंद ने अपने करियर के दौरान अब तक कई पदों पर काम किया है। वह पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। उन्होंने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया और ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया। सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में, आनंद ने कोविड-19 महामारी दौरान कनाडाई लोगों के लिए वैक्सीन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और रैपिड टेस्ट सुरक्षित करने के लिए अनुबंध वार्ता का नेतृत्व किया। आनंद ने एसोसिएट डीन के रूप में कार्य किया है और मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी रही हैं। वह कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट, रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में नीति और अनुसंधान की निदेशक रही हैं। उन्होंने येल लॉ स्कूल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में भी कानून पढ़ाया है। अनीता जब राष्ट्रीय रक्षा मंत्री बनीं, तो उन्होंने सेना में यौन दुराचार के खिलाफ कदम उठाए। उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान कीव को व्यापक सैन्य मदद के साथ-साथ यूक्रेनी सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर्मियों की व्यवस्था भी की। सितंबर 2024 में, अनीता आनंद को ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष के पद के अलावा परिवहन मंत्री भी नियुक्त किया गया। राजनीति के अलावा अनीता आनंद की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता की रही है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रही हैं जहां उन्होंने इनवेस्ट प्रोटक्शन और कॉर्पोरेट गर्वनेंस में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला था।

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