भारत ने की परमाणु मिशन की शुरुआत, 2047 तक 100 गीगावॉट ऊर्जा उत्पादन का रखा लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘परमाणु मिशन’ की शुरुआत की है
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2025-03-28 13:30:36

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘परमाणु मिशन’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी ऊर्जा प्रदान करना है। इस मिशन के तहत 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जो देश की कुल ऊर्जा जरूरत का 10% होगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि यह मिशन परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। केंद्र सरकार ने पहली बार निजी कंपनियों को दी भागीदारी इस मिशन के तहत पहली बार केंद्र सरकार ने परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोला है, जो अब तक सिर्फ सरकारी नियंत्रण में था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है। अब निजी कंपनियां भी परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश कर सकेंगी, जिससे इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस मिशन में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) की अहम भूमिका होगी। ये रिएक्टर 16 मेगावाट से 300 मेगावाट की क्षमता के होंगे, जो दूर-दराज के क्षेत्रों और औद्योगिक हब्स को बिजली देंगे। ये रिएक्टर बिजली उत्पादन में तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होंगे। इसके अलावा, ये बड़े परमाणु संयंत्रों की तुलना में कम जगह और कम लागत में तैयार किए जा सकेंगे, जिससे परमाणु ऊर्जा को व्यापक स्तर पर अपनाना आसान होगा। सरकार ने इस मिशन के लिए बजट में बड़ा इजाफा किया है। 2014 के बाद से परमाणु ऊर्जा विभाग के बजट में 170% की वृद्धि हुई है। 2024-25 के बजट में 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन “भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर” (Bharat SMR) के स्वदेशी विकास के लिए किया गया है। इसके तहत कम से कम 5 SMR का निर्माण भारत में किया जाएगा, जो देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा। भारत इस मिशन में स्वदेशी शोध को प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों के साथ भी मिलकर परमाणु तकनीक को उन्नत कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि “नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” (NRF) इस शोध को गति देगा, जिसमें 60-70% फंडिंग गैर-सरकारी स्रोतों से होगी। इससे देश में परमाणु तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान को बल मिलेगा। नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में सहायक होगा यह परमाणु मिशन सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। डॉ. सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा भारत के स्वच्छ ऊर्जा अभियान का मुख्य आधार होगी। यह मिशन जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने और भारत को परमाणु तकनीक में वैश्विक नेतृत्व दिलाने में मदद करेगा। इस मिशन में भारत के विशाल थोरियम भंडार का भी उपयोग किया जाएगा, जो दुनिया के कुल भंडार का 21% है। मंत्री ने बताया कि कुडनकुलम परमाणु संयंत्र और भविनी रिएक्टर जैसे अटके हुए प्रोजेक्ट को मौजूदा सरकार ने तेजी से आगे बढ़ाया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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