मानवीय संबंधों की बारीकियों को फिल्मों के माध्यम से बखूबी पेश किया ऋषिकेश मुखर्जी ने राज चौहान

हिंदी फिल्म जगत में फिल्मकारों, संगीतकारों व कलाकारों का विशेष योगदान रहा है। उन्हीं में से ऋषिकेश मुखर्जी एक कलाकार थे। जिन्होंने सामाजिक विषयों पर संजीदा फिल्में बनाने के बावजूद उनके मनोरंजन पक्ष को कभी अनदेखा नहीं किया
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2024-08-28 15:24:41

गुडग़ांव : हिंदी फिल्म जगत में फिल्मकारों, संगीतकारों व कलाकारों का विशेष योगदान रहा है। उन्हीं में से ऋषिकेश मुखर्जी एक कलाकार थे। जिन्होंने सामाजिक विषयों पर संजीदा फिल्में बनाने के बावजूद उनके मनोरंजन पक्ष को कभी अनदेखा नहीं किया। ऋषिकेश मुखर्जी का जन्म 30 सितम्बर 1922 को कलकाता में हुआ था। फिल्मों में आने से पूर्व वह गणित और विज्ञान का अध्यापन कराते थे। गुडग़ांव के फिल्म अभिनेता राज चौहान ने उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए कहा कि ऋषिकेश मुखर्जी की अधिकतर फिल्मों को पारिवारिक फिल्मों के दायरे में रखा जाता है क्योंकि उन्होंने मानवीय संबंधों की बारीकियों को बखूबी पेश किया। उनकी फिल्मों में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, शर्मिला टैगोर, जया भादुड़ी जैसे दिग्गज अभिनेता और अभिनेत्रियों ने काम किया। उनकी सत्यकाम, आशीर्वाद, चुपके-चुपके और आनंद जैसी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि मुखर्जी की प्रतिभा को सही आकार देने में प्रसिद्ध निर्देशक बिमल राय का भी बड़ा हाथ है। उन्होंने वर्ष 1951 में फिल्म दो बीघा ज़मीन से अपना कैरियर शुरू किया था। वर्ष 1957 में मुसाफिर से अपने निर्देशन की शुरुआत की। अनाड़ी फिल्म राजकपूर के सधे हुए अभिनय और मुखर्जी के कसे हुए निर्देशन के कारण अपने दौर में काफ़ी लोकप्रिय हुई। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश मुखर्जी का निधन मुंबई में 27 अगस्त 2006 को हुआ था। उन्होंने फिल्म क्षेत्र में कार्य कर रहे कलाकारों से आग्रह किया कि वे ऋषिकेश मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें, उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। ř

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