ग्लोबल वार्मिंग और अंधाधुंध कंस्ट्रक्शन ने बिगाड़ा धरती माता का स्वरूप डॉ.मिश्रा

विश्व पृथ्वी-दिवस पर विद्यार्थियों ने दिया धरती माता को बचाने का संदेश
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2025-04-22 19:20:13

सिवानी मंडी । सिवानी खण्ड के निकटवर्ती गांव खेड़ा स्थित आरोही मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मंगलवार को पृथ्वी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने भाषण, स्लोगन लेखन और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं के माध्यम से पर्यावरण से जुड़े विषयों पर अपने विचार प्रकट किए।नौवीं कक्षा के छात्र सुमित ने धरती बचाओ विषय पर अपने भाषण में धरा की उपयोगिता के बारे में बताया।इसकी जानकारी देते हुए स्कूल प्रींसिपल डॉ.संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है।हमारी सनातन संस्कृति में पृथ्वी को माता और इंसान को उसके पुत्र की संज्ञा दी गई है।पर्यावरण हम सब के लिए एक अनमोल धरोहर है,जिसका कोई मोल नहीं है इसका संरक्षण और प्रबन्धन करना न केवल हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है अपितु जीवन के लिये जरूरी भी है।पृथ्वी स्वच्छ और स्वस्थ होगी तभी हमारा जीवन स्वस्थ और बेहतर होगा।जब हमारा पर्यावरण बचेगा तब ही पृथ्वी बचेगी और हमारे प्राण बच पायेंगें।आज के इंसान की अपनी स्वार्थी व लोभी बुरी आदतों के चलते हवा,पानी व मिट्टी इत्यादि तत्त्व खराब होते जा रहे हैं।जिन पंचतत्वों जल,अग्नि,वायु,आकाश और पृथ्वी को मिलाकर हमारा शरीर बना है वे तेजी से प्रदूषित होते जा रहे हैं जिसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन व स्वास्थ्य पर पड़ता जा रहा है। पर्यावरण शुद्ध व स्वच्छ होगा तभी हमारा जीवन खुशहाल होगा।प्रकृति के प्रतिकूल आचरण के गंभीर नतीजे होंगे क्योंकि कुदरत गलतियों के लिये कभी माफ नहीं करती।आज मानव निर्मित पर्यावरण और बदलती जीवन शैली ने भावी जीवन पर प्रश्न-चिह्न लगा दिया है।जलवायु परिवर्तन का बदलता स्वरूप अत्यन्त चिन्ता का विषय बनता जा रहा है।ग्लोबल वार्मिंग,ग्रीन-हाऊस प्रभाव और क्लाइमेट चेंज एक बड़ा चैलेंज बन गया है जिसने पृथ्वी समूचा स्वरूप बिगाड़ दिया है।डाॅ.मिश्रा ने कहा कि संपूर्ण सृष्टि की पालनहार और जीवन रेखा धरती माता के अस्तित्व को बचायें रखने के लिए मानव जाति को जागरूक करने के उद्देश्य से 22 अप्रैल का दिन विश्व पृथ्वी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।सभी विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागृति के अभिमान में पेड़ लगाकर,पोस्टर बनाकर,स्लोगन लिखकर और स्वच्छता अभियान चलाकर अपना सहयोग दें।आज जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण के साथ-साथ भूमि प्रदूषण भी विकराल रूप लेता जा रहा है।अधिक पैदावार के लिए खेतों में अत्यधिक हानिकारक कीटनाशकों का छिड़काव वातावरण और मिट्टी को तेजी से बर्बाद कर रहा है।हमें इसके विकल्प में स्वदेशी तरीके अपनाने होंगे तभी पृथ्वी और जीवन बच पायेगा।इस अवसर पर स्कूल स्टाफ से अंजू,निशा,राकेश,विकास, रामधन, संगीता,माया,संतोष व हिमांशु सहित समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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