2025-02-04 14:51:54
जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव राम कृष्ण मण्डल ने कहा कि जदयू सहित एनडीए के सभी घटक दलों ने मधेपुरा के अतिपिछड़ों को सिर्फ छलने का काम किया है। अतिपिछड़ों के मतों के बल पर केन्द्र और बिहार के सत्ता में लगातार काबिज रहने वालों ने संगठन और सरकार में अतिपिछड़ों को हमेशा दरकिनार किया है। बात जदयू की करें तो अपने आधार मतों में से लव-कुश समाज, महादलित समाज को लगातार प्रतिनिधित्व देती रही लेकिन अतिपिछड़ों को हमेशा प्रतीक्षा में ही रखा गया। पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ साथ सवर्णों और वैश्यों को भी लगातार प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। आज मधेपुरा से प्रदेश के संगठन में सिर्फ एक सवर्ण और चार पिछड़े वर्ग से हैं तो जिलाध्यक्ष महादलित समाज से हैं। विधानमंडल और संसद की बात छोड़ दें तो आयोग/बोर्ड/निगम में भी अति पिछड़ों को छोड़ कर पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को ही प्रतिनिधित्व दिया गया। भाजपा सहित अन्य दलों को भी मौका मिला तो सिर्फ पिछड़ों को टिकट दिया गया। आखिर अति पिछड़ों के मत लेकर सरकार बनाने वाले लोगों को अतिपिछड़ों के मान सम्मान और अधिकार की चिंता कब होगी? कब तक अतिपिछड़ा समाज को एनडीए का बंधुआ मजदूर समझा जाता रहेगा? इन सवालों को लेकर अब अतिपिछड़ा समाज भी चिंतित है और आनेवाले समय में वोट के चोट से जवाब दिया जाएगा। अतिपिछड़ा समाज के मान सम्मान और अधिकार के लिए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सहित जदयू और एनडीए के सभी प्रमुख नेताओं से मिलकर लगातार आग्रह करने के बाद भी सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा।