नगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तालेस्वर सरकार पर अम्बरीष शर्मा गुड्डू भैया द्वारा आयोजित कथा में भगवान रघुनाथ जी और केवट सम्बाद पर बोले पूज्य राजन जी महाराज

नगर लहार के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तालेस्वर सरकार पर अम्बरीष शर्मा गुड्डू भैया द्वारा आयोजित
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2023-09-07 13:11:33

नगर लहार के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तालेस्वर सरकार पर अम्बरीष शर्मा गुड्डू भैया द्वारा आयोजित कथा में कथा व्यास स्वर सम्राट राजन जी महाराज ने कहा कि चारों पुत्रों का विवाह होने के बाद राजा दशरथ ने श्रीराम को अयोध्या का राजा बनाने का निर्णय लिए यह समाचार सुन नगर में खुशियां मनाई जाने लगीं इसी बीच महारानी कैकेयी ने राजा दशरथ से राम को चौदह वर्ष वनवास का वर मांग लिया पिता की आज्ञा पाकर भगवान राम ने जब भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता के साथ वन के लिए प्रस्थान किया तो पूरी अयोध्या नगरी उनके पीछे-पीछे चल पड़ी जिन्हें राम ने वापस किया जब भगवान राम गंगा नदी पार करने के लिए उसके तट पर पहुंचे तो यह खबर सुनते ही निषाद राज गुह्य खुशी से फूले नही समाए उन्हें नदी के पार उतारा। जब भगवान राम उतराई के तौर पर निषाद को मां सीता की अंगूठी देने लगे तो निषाद राज ने कहा कि हे भगवान जिस तरह मैने आपको नैया से गंगा के इस पार उतारा है, उसी प्रकार आप मेरी भी नैया को भवसागर से उस पार लगा लेना इधर पुत्र विक्षोह से व्याकुल होकर राजा दशरथ ने अपने प्राणों का परित्याग कर दिया रामवन गमन की कथा सुन श्रद्धालुओं की आंखे भर आईं राजा दशरथ से आज्ञा लेकर प्रभु श्रीराम,भाई लक्ष्मण और माता सीता को अपने साथ लेकर सरयु के निकट पहुंचते हैं, वहां उन्होंने देखा कि नदी का किनारा बहुत बड़ा है कैसे हम इसे पार कर पाएंगे,तभी उनकी भेंट भक्तराज केवट से होती है और भगवान श्रीराम विनम्रता पूर्वक केवट से कहते हैं कि हमें गंगा के उस पार जाना है

इधर प्रभु श्रीराम को अपने बीच पाकर केवट मन ही मन उत्साहित हो गया और मन में सोचने लगा कि यह मेरे बड़े भाग्य हैं कि भगवान साक्षात मेरे पास आए हैं इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए और क्या होगा वह प्रभु श्रीराम से सहज भाव में आकर कहता है कि प्रभु मेरे पास यह लकड़ी की नाव है, इसमें आप बैठे में आपको गंगा पार लगाता हूं इस प्रकार से केवट भगवान को अपनी नाव में बैठाता है और गंगा के उस पार कर देता है इधर पार उतराई में भगवान श्रीराम केवट को अपने हाथ की अंगूठी देते हैं तो इस पर केवट लेने से मना कर देता है और कहता है कि में और मेरा परिवार धन्य हो गया कि आप ने मेरे ऊपर बड़ा उपकार किया है कथा ने पूज्य महाराज डॉ सुरेश चंद्र शास्त्री जी,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रोमेश महंत,निरीक्षक शिव सिंह यादव एवम सैकड़ो भक्तजन मौजूद रहे इस मौके पर कथा यजमान श्रीमति अरुणा नरेश चन्द्र शर्मा द्वारा भक्तों से निबेदन किया कि कथा श्रवण करने के बाद भण्डारा प्रसादी ग्रहण कर अपने जीवन के साथ हमारे जीवन को भी धन्य बनाएं ।

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