अर्थशास्त्रियों ने कहाअमेरिकी टैरिफ लागू होने से भारतीय निर्यातकों को करना पड़ेगा कम परेशानियों का सामना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने देश में भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद अर्थशास्त्रियों और अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों का मानना ​​है
News

2025-04-03 13:22:21

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने देश में भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले के बाद अर्थशास्त्रियों और अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों का मानना ​​है कि भारतीय निर्यातकों को अपेक्षाकृत कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एशिया के प्रमुख उभरते बाजारों में फिलीपींस को छोड़कर भारत के टैरिफ सबसे कम हैं। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था चीन, जापान, वियतनाम और श्रीलंका जैसे निर्यात-प्रधान देशों की तुलना में अंतर्मुखी है। इससे अमेरिकी मुद्रास्फीति और वैश्विक व्यापार गतिशीलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्र विशेषज्ञ सोनल बधान ने कहा, “भारत के निर्यातकों को अपेक्षाकृत कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि एशिया के प्रमुख उभरते बाजारों में भारत से अमेरिकी आयात पर टैरिफ सबसे कम (26%+10% बेसलाइन) है, सिवाय फिलीपींस (17%+10% बेसलाइन) के।” वहीं, टैरिफ घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उद्योग मंडल एसोचैम (ASSOCHAM) ने कहा कि टैरिफ से वैश्विक व्यापार में बड़ा पुनर्गठन आएगा। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कल रात घोषित टैरिफ से वैश्विक व्यापार और विनिर्माण मूल्य श्रृंखलाओं में बड़ा पुनर्गठन होगा। एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा, “भारत को 10 प्रतिशत आधारभूत शुल्क के अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ दरों के बीच में रखा गया है, जिसका वास्तविक प्रभाव जानने के लिए मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है।” पिरामल समूह के मुख्य अर्थशास्त्री देबोपम चौधरी ने कहा कि इन सबके बीच, भारत जैसी आवक पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को बैंक तरलता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वे घरेलू खुदरा उधारकर्ताओं और छोटे व्यवसाय मालिकों को स्वतंत्र रूप से उधार दे सकें, जिससे घरेलू खपत बरकरार रहे। ईवाई इंडिया (EY India) के टैक्स पार्टनर कुणाल चौधरी ने कहा कि अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए दोहरी चुनौती पेश करते हैं। वहीं, चीन, थाईलैंड और वियतनाम की तुलना में भारतीय वस्तुओं पर अपेक्षाकृत कम टैरिफ भारतीय निर्यात के लिए अनुकूल मध्यस्थता अवसर पैदा करते हैं। हालांकि, दूसरी ओर, भारतीय निर्माताओं को अन्य बाजारों में तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जो देश पारंपरिक रूप से अमेरिकी बाजार पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वे संभावित रिक्तता को भरने के लिए अपने प्रयासों को अन्य देशों की ओर पुनर्निर्देशित कर सकते हैं। आपको बता दें, लगाए गए टैरिफ के तहत, भारत से आयातित इस्पात, एल्युमीनियम और ऑटो से संबंधित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा तथा फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, तांबा या ऊर्जा उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion