सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की अनदेखी के चलते कत्लखाना बना हिसार का वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर एडवोकेट चन्द्र सहारण

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की अनदेखी के चलते
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2025-04-04 20:10:41

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की अनदेखी के चलते हिसार में स्थापित वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर कत्लखाने का रूप ले चुका है। हिसार रेंज के लिए स्थापित इस वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर में दूर दराज से वन्य प्राणियों को इलाज के लिए लाया जाता है लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां आने के बाद वे वन्य जीव दम तोड़ देते हैं। और तो और, इस वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर में इन वन्य जीवों के लिए पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की इस अनदेखी को उजागर करते हुए अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला प्रधान एडवोकेट चन्द्र सहारण व अन्य पदाधिकारियों ने इस तरफ शीघ्र ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिसार में डियर पार्क के पास वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित है लेकिन इसमें वन्य जीवों के उपचारा के लिए कोई सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिसार आ रहे हैं। ऐसे में बिश्नोई समाज उनसे मांग करता है कि जिस प्रकार उन्होंने गुजरात के बंतारा में जाकर वहां की शानदार व्यवस्था देखी थी, उसी तरह वे हिसार के डियर पार्क व ट्रीटमेंट सेंटर का दौरा करके यहां की व्यवस्था भी देखें। वैसे ही यह ट्रीटमेंट सेंटर एयरपोर्ट की साथ लगती दीवार के पास ही है। पत्रकारों से बातचीत में एडवोकेट चन्द्र सहारण ने राज्य सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की अनदेखी, मनमानी व लापरवाही को खुलकर उठाया। उन्होंने कहा कि वास्तव में हिसार वाइल्ड लाइफ ट्रीटमेंट सेंटर अप्रूव्ड ही नहीं है और ऐसा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने लिखकर दिया है। यही नहीं, इस ट्रीटमेंट सेंटर में वन्य जीव डॉक्टर व दवाइयां भी नहीं है। उन्होंने विभाग से सवाल किया कि इसके बावजूद पिछ्ले लगभग 10 वर्षों मे 10 हजार जानवर यहां इन्होंने डबवाली, सिरसा, आदमपुर व फतेहाबाद से यहा ट्रांसपोर्ट किए, वह किस अधिकारी की अनुमति से किए गए, कोई जवाब नहीं है। जीव रक्षा प्रधान ने बताया कि इस ट्रीटमेंट सेंटर में लाए गए किस जानवर को क्या दिक्कत थी, कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है, किस जानवर को कौन सी दवाई लगाई गई, उसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में सरकार एवं वन्य प्राणी विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही है कि दुर्लभ जानवर मर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिश्नोई समाज ने सरकार को बडोपल, गंगा, आदमपुर में ट्रीटमेंट सेंटर के लिए जगह भी दिलाई, लेकिन वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने कोई यहां सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई। हमारा समाज इनकी पूरी मदद करता है लेकिन ये इस तरफ ध्यान नहीं देते। हर साल लाखों रुपये रेसक्यू वैन चलाने में लगा रहे है, जबकि सेंटर है ही नहीं। उन्होंने कहा कि हिसार के वन्य जीव ट्रीटमेंट सेंटर के हालात कभी भी मौके पर जाकर देखे जा सकते हैं। इस अवसर पर एडवोकेट चन्द्र सिंह सहारण के अलावा आदमपुर प्रधान कृष्ण कुमार राहड़, जिला उप प्रधान विनोद खिलेरी, अनिल भांभू, विजय मंडा, जयदेव धामू, सुग्रीव पूनिया, ईश्वर गोदारा, सुरेश खीचड़, अशोक लांबा, कुलदीप गोदारा व ओमप्रकाश कड़वासरा सहित समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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