2023-09-29 20:12:43
रामपुर। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय तथा मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों के अनुरूप समितियों और संस्थाओं को फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टर के तहत पराली प्रबन्ध हेतु अनुदान पर कृषि यन्त्र उपलब्ध कराए गए है। फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना कराने का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसान बंधु फसल अवशेष को न जलाया जाए बल्कि आधुनिक तकनीक से उसका प्रबंधन करे।
मुख्य विकास अधिकारी नन्द किशोर कलाल ने बताया कि वर्तमान में धान की कटाई शुरू हो रही है जिसके फसल अवशेष को जलाया जाता है जो कि उचित नहीं है। इसके प्रबंधन के लिए अधिक से अधिक कृषि यन्त्रों का प्रयोग किया जाए। जनपद में स्थापित करायी गई फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टरों में यन्त्रों की उपलब्धता है।
उन्होंने कृषि यंत्रों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साधन सहकारी समितियां में 22, गन्ना समितियों में 05, ग्राम पंचायतों में 55, औद्यानिक समितियों में 09, कृषक सहकारी समितियों में 37, कृषक उत्पादक संगठनों में 09, कस्टम हायरिंग सेन्टरों में 88 एवं व्यक्तिगत कृषकों के पास 07 सहित कुल 232 यन्त्र उपलब्ध है।
उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारी समितियां, जिला गन्ना अधिकारी, अधीक्षक राजकीय उद्यान, समस्त कृषक उत्पादन संगठन, अध्यक्ष समस्त कृषक सहकारी समिति एवं समस्त सीएससी धारकों निर्देशित किया कि फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टर का प्रयोग अधिक से अधिक कृषकों के मध्य कराना सुनिश्चित करें, जिससे कि फसल अवशेष की घटनाओं पर रोक लायी जा सके।
उन्होंने बताया कि जनपद में कृषक उत्पादक संगठन, साधन सहकारी समितियों, कृषकों समितियों, गन्ना समितियों, औद्योगिक समितियां, व्यक्तिगत किसान एवं ग्राम पंचायतों के पास यन्त्र कृषि विभाग द्वारा 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए गए है। इन यन्त्रों का उपयोग पराली प्रबन्धन में अनिवार्य रूप से कराया जाय। कृषि यन्त्रों के परिचालन से सम्बन्धित लागबुक व मूवमेन्ट रजिस्टर प्रतिदिन तैयार किया जाय।
कृषि यन्त्रों को अनिवार्य रूप से अन्य कृषकों के उपयोग हेतु किराए पर उपलब्ध कराया जाय।
उन्होंने बताया कि किराए पर यन्त्र उपलब्ध कराते समय यह सुनिश्चित किया जाय कि कृषकों से यन्त्रों का किराया ग्राम पंचायतों द्वारा बाजार के किराए की दर से 50 प्रतिशत दर पर तथा अन्य समितियों द्वारा बाजार से 75 प्रतिशत के अधिक न हो।