2025-03-18 21:13:59
दिल्ली। लोकतांत्रिक अध्यापक मंच दिल्ली ने आज दिल्ली के माननीय शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद जी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और सिफारिशें प्रस्तुत की गईं। मंच ने नवनिर्वाचित सरकार को बधाई देते हुए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। ज्ञापन में शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शिक्षा का राजनीतिकरण रोकना, समय पर संसाधन उपलब्ध कराना, समग्र शिक्षा को बढ़ावा देना, विद्यालयों का रणनीतिक विकास, पाठ्यक्रम की समीक्षा जिसमें मुख्य रूप से उन पाठ्यक्रमों जैसे ईएमसी, देशभक्ति और हैप्पीनेस आदि को बंद करना है जिससे मूल विषयों को भारी नुकसान हुआ है , नैतिक शिक्षा को नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार महत्व देना, शिक्षक प्रशिक्षण को अनुकूलित और नियंत्रित करना, छात्रों के लिए सार्थक अवकाश, पुस्तकालय निधि का समय पर वितरण, पर्याप्त प्रशासनिक सहायता, एनजीओ सहयोग के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और सीमित भागीदारी, संतुलित एसएमसी भागीदारी, छात्रों को मजबूत कैरियर मार्गदर्शन, प्रतिभा विकास वद्यालयों की पुनः बहाली, भवन अवसंरचना की समीक्षा और सुधार और पेयजल की उपलब्धता शामिल हैं। शिक्षक कल्याण के मुद्दों पर भी मंच ने अपनी चिंता व्यक्त की, जिसमें टैबलेट बजट प्रतिपूर्ति, एचआरए की बढ़ी दरों को जनवरी 2004 से लागू कर एरियर का भुगतान, चिकित्सा प्रमाण पत्र के बिना एचपीएल, आकस्मिक अवकाश में वृद्धि कर महिला शिक्षकों के लिए 25 तथा पुरुष के लिए 20 करना, शिक्षक सुरक्षा, शिक्षक गरिमा की बहाली, शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना, एमएसीपी को और लाभकारी बनाना और राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव जो कि काफी समय से लंबित हैं तुरंत करवाना शामिल हैं। लोकतांत्रिक अध्यापक मंच के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार फौगाट ने कहा, हमारा उद्देश्य दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है ताकि छात्रों और शिक्षकों दोनों को एक अनुकूल वातावरण मिल सके। हम शिक्षा मंत्री से इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करते हैं। मंच के महासचिव श्री होशियार सिंह ने कहा, हम शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं ताकि इन सुधारों को लागू किया जा सके और दिल्ली की शिक्षा को उत्कृष्टता की ओर ले जाया जा सके। ज्ञापन की एक प्रति शिक्षा निदेशक को भी प्रेषित की गई है। मंच का मानना है कि इन सुझावों को लागू करने से दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव आएंगे और छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा