सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति और मेहनताना भुगतान में गोलमाल नीरज यादव

कांग्रेस नेता व समर्थकों ने कर्मचारियों संघ किया निगम ऑफिस का घेराव
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2025-04-30 21:52:29

मानेसर । गुरुग्राम नगर निगम हो या फिर मानेसर नगर निगम हो। यह दोनों ही निगम हरियाणा प्रदेश के महत्वपूर्ण और धनाढ्य निगम माने जाते हैं। लेकिन दोनों ही स्थान पर सफाई के मामले को लेकर आम जनता चुने हुए जनप्रतिनिधि, केंद्र सहित प्रदेश के मंत्री, सफाई की समस्या को लेकर अपनी -अपनी सफाई, अपने ही अंदाज में देते चले आ रहे हैं । इसी सफाई के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता वे मानेसर के मेयर प्रत्याशी रहे नीरज यादव ने मानेसर निगम में सफाई के नाम पर करोड़ा का भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। वहीं मानेसर निगम के बाहर दो-तीन दिनों से सैकड़ों सफाई कर्मचारी वेतन पाने के लिए धरने पर बैठे हैं। धरना प्रदर्शन की अगुवाई नगर पालिका संघ हरियाणा संबंधित हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ के इकाई प्रधान अशोक कुमार सारसर, महेश कुमार, प्रधान विनोद कुमार, सचिव प्रवीन कुमार, कोषाध्यक्ष रवि कुमार खरलिया, वरिष्ठ उपप्रधान राजेन्द्र बहोत समेत अन्य पदाधिकारियों ने की। नीरज यादव के मुताबिक कर्मचारियों ने जब पूरा वाकया बताया तो पता चला कि निगम में भ्रष्टाचार का पैमाना तो काफी बड़ा है। नीरज यादव ने बताया कि मानेसर निगम ने 90 करोड़ में सफाई का ठेका दिया था। ठेकेदार को सभी गांवों व सैक्टरों की सफाई के लिए 2200 कर्मचारी लगाने थे, लेकिन ठेकेदारों ने निगम अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सफाई के लिए मात्र 485 कर्मचारी नियुक्त किए। जबकि रजिस्टर में करीब 700 कर्मचारियों की नियुक्ति दर्ज कराई। हैरानी की बात यह है कि ठेकेदार ने मात्र 485 कर्मचारियों का भी वेतन समय पर नहीं दिया। अब दो माह से वेतन नहीं मिलने पर सफाई कर्मचारी निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं। नीरज यादव ने बताया कि इस भ्रष्टाचार को लेकर उन्होने कर्मचारियों के साथ बुधवार को मानेसर निगम कार्यालय का घेराव किया। इस मौके पर ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि मामले में पहले ही ठेकेदार की अनियमितता पाई गई है, जिसे लेकर दो दिन पहले ठेकेदार पर साढे चार करोड़ का जुर्माना लगाकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होने आश्वासन दिया है कि दो दिन के अंदर सभी सफाई कर्मियों का वेतन दिला दिया जाएगा। वहीं नीरज यादव ने मांग की है कि इस पूरे भ्रष्टाचार की जांच की जाए। अगर इस भ्रष्टाचार में निगम के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं तो उनपर भी कार्रवाई की जाए।

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