2023-09-27 13:42:26
बिलासपुर। खेतों को पानी के लिए कई दशक पूर्व बनाई गई नहर नाला बन गई। इर्दगिर्द की भूमि और पटरी पर तो कब्जे हो ही गए, नहर पर पक्के स्लैब, पुल डालकर अतिक्रमण कर लिया गया। यह सिलसिला अभी भी जारी है।
नहर पूरी तरह नाले के रूप में नजर आ रही है। उधर, सिंचाई विभाग का कहना है कि शहरी क्षेत्र में स्थित इस नहर को सफाई में शामिल नहीं किया गया। न ही इस पर कोई पैसा खर्च किया गया है।
शहर में रतन पुरा रोड स्थित पुरानी मंडी समिति के पास से पटेल नगर, लक्ष्मी नगर ओर सेंट्रल बैंक तक नहर बनी है। यह सैंजनी माइनर भकड़ा दाईं में मिलती है। पोस्ट ऑफिस रोड, शिव बाग मण्डी के चक रोड से जमीन वाले किसान इससे सिंचाई करते थे, लेकिन यहां आबादी बसने के साथ ही विकास और निर्माण की अंधी दौड़ में नहर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया।
शिव बाग मण्डी,खोंदलपुर सेंट्रल बैंक और प्रथमा ग्रामीण विकास बैंक में नहर की पटरी पर निर्माण हो गए। शिव बाग मण्डी की तरफ पहले से एक पक्के नाले होने के बाद भी लोगों के घरों का गंदा पानी और सीवर नहर में जा रहा है। नहर पूरी तरह नाले में बदल गई है।
भारतीय किसान यूनियन भानू के जिला अध्यक्ष एवम समाज सेवी सलीम वारसी ने बताया कि कुछ साल पूर्व आरटीआई में नहर प्रखंड ने उन्हें सूचना दी थी कि इस मिनी माइनर नंबर की कुल लंबाई 13.8 किलोमीटर है।
1991 तक इस नहर से खरीफ में 43 हेक्टेयर और रबी में 45 हेक्टेयर की सींच होती रही है। यह नहर हेड से लेकर टेल तक 20 से 27 फीट चौड़ी है, लेकिन अब इसका उलट है। नहर को पाटकर नाला बना दिया गया है।
नगर पालिका यहां पक्की सड़क बनवा रही है। कुछ वर्षों पूर्व सैंजनी नहर प्रखंड ने यहां अवैध कब्जा किए लोगों को नोटिसें जारी की थीं, लेकिन यह भी ठंडे बस्ते में पड़ गई। नहर का पुनरुद्धार हो जाए तो न सिर्फ खेती बल्कि अन्य जरूरतों के लिए भी पानी मयस्सर होगा।
नहर प्रखंड अधिशासी अभियंता ने बताया कि सैंजनी नगर से निकली माइनर शहरी क्षेत्र में आ जाने से इसे उनका विभाग सफाई कार्यों में शामिल नहीं करता। यह भी बताया कि स्थानीय लोग अपने मकानों का गंदा पानी और सीवरेज नहर में बहा रहे हैं।
कई बार अवैध कब्जाधारकों को नोटिस भी दिए हैं। करीब 60 लोगों पर केनाल एक्ट 1873 के तहत नोटिस जारी किए थे। उनके विभागीय उपराजस्व अधिकारी/केनाल मजिस्ट्रेट के यहां केस लगे फिर रफा दफा कर दिए। अवैध कब्जा पाए जाने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है। यह भी बताया कि समाज सेवी याकूब ने उक्त को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को शिकायत की थी। यहां सिंचाई विभाग की बिना इजाजत के नगर पालिका परिषद बिलासपुर ने नाला निर्माण कर दिया था। नगर पालिका में यह प्रक्रिया आज भी प्रश्न चिन्ह लगा रही है।