2023-09-06 13:56:03
रामपुर। जिले के स्कूलों में छात्र- छात्राओं की सुरक्षा के लिए बाल परिवहन समिति का गठन करने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए गए थे, लेकिन जिले में अधिकांश स्कूलों में समिति का गठन नहीं हुआ है।
समिति के गठन के लिए न तो परिवहन विभाग ने अब तक कोई गंभीरता दिखाई है और न ही स्कूल प्रबंधन समिति के गठन के लिए आगे आए हैं। ऐसे में प्रशासन की ओर से स्कूली विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। शहर समेत जिलेभर के प्रमुख स्कूलों में बच्चों के आवागमन के लिए बस की सुविधा होती है। बच्चों का हर रोज स्कूल की बस से आना-जाना होता है। ऐसे में शासन की मंशा रही कि वाहनों के माध्यम से स्कूल आने व जाने वाले बच्चों को सुरक्षित करने के लिए संबंधित स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन सुनिश्चित किया जाए, जिससे कि वाहन की फिटनेस के साथ बस के रंग और अन्य सुरक्षा की व्यवस्था को लेकर निगरानी की जा सके। समय पर वाहनों की फिटनेस नहीं हुई है तो वह भी समिति के माध्यम से कराई जाती है।
इस शैक्षिक सत्र में जिले के अधिकांश स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन नहीं हो सका है।
समिति में ये होते हैं शामिल
समिति में डीएम, प्रधानाचार्य, बीएसए, डीआईओएस और एआरटीओ शामिल होते हैं। शिक्षा क परिवहन विभाग के सहयोग से सतत निगरानी रखने का काम किया जाता है। लेकिन यहां अधिकांश स्कूलों में समिति का गठन ही नहीं किया गया. है। अगर किया भी है, तो वह केवल कागजों तक ही सीमित है।
बाल परिवहन समिति के कार्य स्कूली वाहनों में छात्र-छात्राओं को सुरक्षित करना। वाहनों की फिटनेस आदि की निगरानी। बच्चों को यातायात संबंधी नियमों का पालन कराना।
बाल परिवहन समिति के गठन के लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए जा चुके हैं। कितने विद्यालयों में बाल परिवहन समिति का गठन हो चुका है। इसके बारे में अभी पता नहीं है। इसकी जानकारी कराई जाएगी। -मुन्ने अली, जिला विद्यालय निरीक्षक रामपुर
परिवहन और शिक्षा विभाग इस ओर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। एआरटीओ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन हो चुका है। कुछ में समिति का गठन किया जा रहा है।