2022-11-15 11:20:31
बिहार में जाति आधारित गणना होने वाली थी लेकिन अब लगत है की ये काम निर्धारित समय सिमा के अंदर नहीं हो पायेगा। सरकार ने इसे फरवरी 2023 तक पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन गणना का कार्य शुरू करने से पहले की जरूरी तैयारियां अभी तक मुक्कमल नहीं हो सकी हैं। इसे देखते हुए सरकार लगातार जाति आधारित गणना के लिए समयसीमा बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार सरकार के मंत्रिमंडल ने कई बड़े फैसले लिये।
जानगणना पर लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
बिहार में कैबिनेट की बैठक के दौरान मद्य निषेध उत्पाद व निबंधन विभाग के लिए आकस्मिकता निधि से 25 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। इस बैठक में जाति गणना से जुड़े कई अहम लिए गए और खर्च के लिए स्वीकृति दी गई। जाति आधारित गणना 2022 के एक APP व पोर्टल निर्माण के लिए परामर्शी चयन होने पर 2.44 करोड़ भुगतान की स्वीकृति दी गई है।
मई 2023 तक का रखा गया है लक्ष्य
जाति आधारित गणना का कार्य पूर्ण करने के लिए जो निर्धारित समयसीमा फरवरी 2023 थी उसे बढ़ाकर मई 2023 करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची पुनरीक्षण व बिहार बोर्ड की मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए आज की बैठक में इसकी मियाद को बढ़ाकर मई 2023 कर दिया गया है।
कैबिनेट में महंगाई भत्ता का भी मुद्दा रहा
पंचम वेतन प्राप्त कर रहे कर्मी पेंशनरों को पहली जुलाई 2022 से 381 के स्थान पर 396 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया। जबकि षष्टम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मी व पेंशन भोगियों को 203 प्रतिशत के स्थान पर 212 प्रतिशत भत्ता मिलेगा।