2025-01-18 20:00:15
अलीगढ़ : देश के 6 अलग-अलग राज्यों में संचालित होने वाली कंपनियों के खिलाफ अलीगढ़ में मुकदमा दर्ज किया गया है। यूपी ड्रग एक्ट के तहत सभी कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच के दौरान इन सभी कंपनियों के नमूने फेल हो गए थे, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक थे। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी अस्पताल और जिले के मेडिकल स्टोर में बिकने वाली दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए समय-समय पर इसकी जांच कराई जाती है। बीते दिनों ड्रग इंस्पेक्टर दीपक लोधी के नेतृत्व में दवाइयों के नमूने लिए गए थे। इन दवाइयों की जांच में यह मानक के अनुसार नहीं मिले। एडीजे कोर्ट के जरिए मुकदमा कराया गया है। लैब टेस्ट में मानको पर खरा न उतरने वाली दवा कंपनियों खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें एक्सल लैब वड़ोदरा (गुजरात), जी लेब्रोटीज, पोटा (हिमाचल प्रदेश), रिवपसरा फार्मा, हरिद्वार (उत्तराखंड), मकेन रेमेडीज, मोंगा (पंजाब), कैश्ड लेब्रोट्रीज, धार (मध्यप्रदेश) और एवरटच बायोरेमेडीज, कोसी (मथुरा, उप्र) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन कंपनियों की हैग्जिन (एंटी बॉयोटिक), कैल्शियम विटामिन टैबलेट, पेंटालाइन इंजेक्शन (गैस), एसबी नेट (सोडियम कार्बाेनेट), पेंटो एक्सडीआर और एक्सो वॉयल (एंटी बॉयोटिक) दवाइयों के नमूने फेल हुए थे। जिसके बाद इनको बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। क्योंकि यह आमजनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। ड्रग इंस्पेक्टर दीपक लोधी ने बताया कि यूपी ड्रग एक्ट की धारा 18 से 27 के अंतर्गत समय-समय पर दवाइयो के सैंपल लिए जाते हैं और इनकी जांच की जाती है। विभाग इसे लेकर सतर्क भी रहता है। इसी के चलते बीते दिनों दवाओं के सैंपल की जांच कराई गई थी। इसमें 13 दवा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं। उन्होंने बताया कि सैंपल फेल होने की रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया है। एडीजे कोर्ट में मामला है। कोर्ट में सुनवाई के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।