नांगल चौधरी कॉलेज व स्कूल में यौन उत्पीड़न रोकथाम पर शिविर आयोजित

हर कार्य स्थल पर आंतरिक परिवाद समिति गठन करना जरूरी : अधिवक्ता
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2025-01-22 16:33:59

नांगल : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र सूरा के दिशा निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता के मार्गदर्शन में आज बैजनाथ चौधरी महिला कालेज व राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नांगल चौधरी में यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के बारे में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता धर्मेश जोशी व गिरीबाला यादव ने संयुक्त रूप से यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता को सुरक्षा प्रदान करना इसका उद्देश्य है। यह अधिनियम 9 दिसंबर 2013 में प्रभाव में आया था। इस अधिनियम को लाने के पृष्ठभूमि अनुच्छेद 14, 15, 21 तथा मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे एवं 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी विशाखा गाइडलाइन है। उन्होंने बताया कि जहां पर महिलाएं काम कर रही है वह संस्थान चाहे सरकारी हो या प्राइवेट हो आंतरिक परिवाद समिति गठन करना अति आवश्यक है। लैंगिक उत्पीड़न की वजह से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समझौते का उल्लंघन होता है इससे निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा यह अधिनियम लाया गया। इस अवसर पर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ अनीता तवर, डॉ ममता एवं स्कूल मुख्याध्यापक शीशराम, सुनीता सुपरवाइजर के अलावा स्टॉफ सदस्य व छात्राएं मौजूद थी।

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