2025-09-03 20:03:20
हजारीबाग। झारखंड राज्य में विस्थापन और पुनर्वास जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर लंबे समय से संघर्षरत संगठनों एवं झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता के नेतृत्व में वर्षों से चल रहा आंदोलन आखिरकार रंग लाया है। विगत 2 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 67 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिसमें सबसे अहम फैसला विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन की स्वीकृति रही। इस निर्णय से झारखंड के लाखों विस्थापित को राहत मिलेगी।श्री मेहता ने इस निर्णय पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कैबिनेट के सभी मंत्रियों का आभार जताया और कहा कि देर से ही सही, सरकार ने विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन की मंजूरी देकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब जरूरत है कि सरकार जल्द से जल्द इस आयोग का गठन करे ताकि विस्थापितों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। साथ ही श्री मेहता ने सरकार का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर आकर्षित कराते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को सख्ती से लागू किया जाए, झारखंड में विस्थापन एवं नियोजन नीति बनाई जाए ताकि प्रभावित किसानों और बेरोजगार युवाओं को रोजगार सुनिश्चित हो, रघुवर दास सरकार के समय (2015) बने भूमि बैंक को रद्द किया जाए, आदिवासी, दलित एवं किसानों के कब्जे वाली गैर मजरूआ जमीन की रसीद काटकर रैयती मान्यता दी जाए, पलामू प्रमंडल में हदबंदी से फाजिल जमीन पर बसे गरीब किसानों के नाम से बंदोबस्ती किया जाए,कॉरपोरेट हाउसेज एवं भू माफिया द्वारा जल, जंगल और जमीन की लूट पर रोक लगाई जाए। श्री मेहता ने विश्वास जताया कि सरकार इन बिंदुओं पर जल्द कार्रवाई कर झारखंड के विस्थापितों, किसानों और बेरोजगार युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।