कैबिनेट ने रेलवे की क्षमता बढ़ाने के लिए चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को दी मंजूरी, औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की क्षमता को बढ़ाने के लिए चार प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है
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2025-04-04 18:02:35

केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की क्षमता को बढ़ाने के लिए चार प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 18,658 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इन्हें वित्त वर्ष 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेलवे लाइन क्षमता को बढ़ाना,माल और यात्री परिवहन को बेहतर बनाना और भारत की लॉजिस्टिक्स प्रणाली को अधिक कुशल बनाना है। इससे माल ढुलाई की लागत कम होगी, रेल परिचालन अधिक टिकाऊ बनेगा और देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में 1,247 किलोमीटर तक विस्तारित होंगी। खासतौर पर कोयला, लौह अयस्क और अन्य खनिजों के परिवहन में सुधार लाने के लिए ये रेलवे लाइनों की दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इनसे भारत के कुछ सबसे व्यस्त रेलवे मार्गों पर भीड़भाड़ कम होगी, जिससे ट्रेनों की समय पर आवाजाही सुनिश्चित होगी और रेलवे सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी। स्वीकृत चार परियोजनाओं में संबलपुर से जरपड़ा के बीच तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा से सासन के बीच तीसरी और चौथी लाइन, खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा के बीच पांचवीं और छठी लाइन, और गोंदिया-बाल्हारशाह ट्रैक का दोहरीकरण शामिल है। ये परियोजनाएं न केवल रेलवे संचालन को सुगम बनाएंगी बल्कि बढ़ती मांग को पूरा करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी सहायक होंगी। ये सभी परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टी माॅडल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए तैयार की गई हैं। इनके अंतर्गत 19 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे गढ़चिरौली और राजनांदगांव जैसे पिछड़े जिलों सहित लगभग 3,350 गांवों और 47.25 मिलियन लोगों को लाभ मिलेगा। खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल लाइन से बलौदा बाजार जैसे नए इलाकों को सीधे जोड़ा जाएगा, जिससे वहां नए औद्योगिक संयंत्र, विशेष रूप से सीमेंट कारखाने, स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी। इन परियोजनाओं से कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी वस्तुओं की ढुलाई क्षमता बढ़ेगी और रेलवे का वार्षिक माल परिवहन 88.77 मिलियन टन (MTPA) अधिक हो जाएगा। इसके अलावा, ये परियोजनाएं पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाएंगी। इनके माध्यम से 95 करोड़ लीटर पेट्रोलियम आयात की बचत होगी और CO2 उत्सर्जन में 477 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर पर्यावरणीय लाभ देगा। इन रेलवे सुधारों से देश की लॉजिस्टिक्स प्रणाली को और मजबूती मिलेगी और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

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