राजस्थान के सुदूर गांव में जन्मा, रोज कई किलोमीटर तक पैदल चलकर स्कूल जाने वाला, मात्र 6 साल की उम्र में ही अपने बढ़े

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों को लागू करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 805.91 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं
News

2025-04-02 15:55:23

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों को लागू करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 805.91 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। केंद्र सरकार सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना, एकीकृत बाल विकास सेवाओं के माध्यम से समृद्ध फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति करती है। चावल फोर्टिफिकेशन पहल को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया गया है और मार्च 2024 तक सरकार की योजनाओं में सभी कस्टम-मिल्ड चावल को फोर्टिफाइड चावल से बदल दिया गया है। भारत सरकार 6 उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं सहित बच्चों में एनीमिया की रोकथाम के लिए एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति को लागू करती है। आपको बता दें, इन उपायों में प्रोफाइलैक्टिक आयरन और फोलिक एसिड अनुपूरण (आईएफए सिरप 6-59 महीने के बच्चों को दो बार प्रदान किया जाता है, आईएफए गुलाबी गोलियां 5-9 साल के बच्चों को प्रदान की जाती हैं, आईएफए नीली गोलियां 10-19 साल के किशोरों को प्रदान की जाती हैं, प्रजनन आयु समूह की महिलाओं को साप्ताहिक रूप से आईएफए लाल गोलियां और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 180 दिनों के लिए प्रतिदिन आईएफए लाल गोलियां प्रदान की जाती हैं), कृमि मुक्ति के लिए गर्भवती महिलाओं को दूसरी तिमाही में एल्बेंडाजोल की गोली दी गई और सभी बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान एल्बेंडाजोल की गोलियां दी गईं। इसके अलावा व्यवहार परिवर्तन संचार अभियान, एनीमिया के लिए जांच तथा एनीमिया प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आईएफए युक्त खाद्य पदार्थों का अनिवार्य प्रावधान तथा मजबूत संस्थागत तंत्र के माध्यम से एनीमिया के गैर-पोषण संबंधी कारणों, विशेष रूप से मलेरिया, फ्लोरोसिस तथा हीमोग्लोबिनोपैथी का समाधान शामिल हैं।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion